कतर में हर तरफ दिख रहे हैं अर्जेंटीना के प्रशंसक

कतर में हर तरफ दिख रहे हैं अर्जेंटीना के प्रशंसक

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  • Publish Date - December 17, 2022 / 11:09 AM IST,
    Updated On - December 17, 2022 / 11:09 AM IST

दोहा, 17 दिसंबर (एपी) अपने दिग्गज खिलाड़ियों के लिए मशहूर रहे फुटबॉल के दीवाने देश अर्जेंटीना के प्रशंसक लगातार आर्थिक संकट से जूझने के बावजूद अपने देश को 36 साल बाद विश्वकप विजेता बनते हुए देखने के लिए बड़ी कुर्बानी देकर कतर पहुंच रहे हैं।

दोहा की सड़कों पर अर्जेंटीना के प्रशंसकों का जोश और जुनून देखा जा सकता है। वे ‘मुचाचोस’ नाम के गीत को गा रहे हैं जो कि दक्षिण अमेरिकी देश के इन प्रशंसकों के लिए अनाधिकृत विश्वकप गान बन गया है।

अर्जेंटीना रविवार को फाइनल में पिछली बार के चैंपियन फ्रांस का सामना करेगा।

कतर की राजधानी में सौक वक्फ बाजार के एक कोने में अर्जेंटीना की आसमानी नीली और सफेद धारीदार जर्सी पहने एक युवा महिला फुटबॉल को अपने पांव से नचा रही थी तो उसके चारों तरफ स्थानीय लोगों और पर्यटकों की भीड़ एकत्रित हो गई। उसके पास अंग्रेजी और अरबी भाषा में हाथ से लिखा बैनर था जिसमें लुसैल स्टेडियम में होने वाले विश्वकप फाइनल का टिकट उपलब्ध कराने की मांग की गई थी।

इस 24 वर्षीय प्रशंसक बेलेन गोडोइ ने कहा,‘‘ फुटबॉल मेरे लिए सब कुछ है। मैं अपना परिवार छोड़कर यहां आई हूं। मैंने अपनी सारी बचत खर्च कर दी है। मैं वापस ब्यूनसआयर्स लौट जाऊंगी और मैं नहीं जानती कि मैं कैसे अपना किराया चुकता करूंगी। लेकिन मैंने जो जिंदगी जी है, उसे मुझसे कोई नहीं छीन सकता।’’

गोडोइ ने फिर से बिक्री के लिए रखे गए टिकटों को खरीद कर अर्जेंटीना का लगभग हर मैच देखा है।

अर्जेंटीना के कई ऐसे प्रशंसक हैं जो अपना बहुमूल्य सामान बेचकर यहां पहुंचे हैं। इनमें 34 वर्षीय क्रिस्टियन मशीनेली भी है जिन्होंने विश्वकप में अर्जेंटीना को खेलते हुए देखने के लिए अपना टोयोटा ट्रक बेच दिया।

मशीनेली ने कहा,‘‘ मैंने इसके लिए अपना ट्रक बेच दिया। मैंने अभी तक वही धनराशि यहां खर्च की है तथा मेरे पास फाइनल का टिकट खरीदने के लिए पर्याप्त धनराशि है। हम अर्जेंटीनी फुटबॉल के दीवाने हैं और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।’’

इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि अर्जेंटीना के कितने प्रशंसक कतर पहुंचे हैं। अर्जेंटीना का समर्थन करने के लिए फुटबॉल प्रेमी केवल स्वदेश से ही यहां नहीं पहुंच रहे हैं बल्कि यूरोप और अमेरिका में रहने वाले उसके प्रशंसक भी कतर पहुंचे हैं।

एपी पंत

पंत