संन्यास की घोषणा से धोनी के गांव में छायी मायूसी, झारखण्ड नहीं उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले में है पैतृक घर

संन्यास की घोषणा से धोनी के गांव में छायी मायूसी, झारखण्ड नहीं उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले में है पैतृक घर

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  • Publish Date - August 17, 2020 / 04:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

अल्मोड़ा। पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट से संन्यास लेने से सभी हैरान है, धोनी अल्मोड़ा जिले के जैती तहसील के ल्वाली गांव के मूल निवासी हैं, 1970 में धोनी के पिता रांची जाकर बस गये थे जबकि चाचा सहित अन्य लोग गांव में ही रहते हैं। ये गांव आज भी विकास से अछूता है न सड़क है न नाली। धोनी के पैतृक गांव के लोग जहां उनकी उपलब्धियों से गौरवान्वित महसूस करते हैं वहीं उनके जल्दी सन्यास ले लेने से मायूस भी हैं।

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बता दें कि महेन्द्र सिंह धोनी का मूल गांव अल्मोड़ा जिले के जैती तहसील के अंतर्गत आने वाला ल्वाली गांव है, धोनी के पैतृक घर में ताला लगा हुआ है। विकास से कोसों दूर ये गांव आज भी सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है, जबकि महेन्द्र सिंह का हेलीकाप्टर शॉट दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचित करता है लेकिन उनके पैतृक गांव में पहुंचने के लिए झटके सहने पड़ते हैं।

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2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने गांव को सड़क से जोड़ने का वादा किया था जो आज तक पूरा नहीं हो सका है, 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जैती-ल्वाली मोटर मार्ग की घोषणा भी की थी जो फाइलों में सिमट कर रह गई है।

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