नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) दोहा में आगामी मैचों की तैयारियों में लगे भारतीय फुटबॉल टीम के सदस्यों ने कहा कि दुबई में होने वाले दो अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैचों के परिणाम का 2022 फीफा विश्व कप और 2023 एएफसी एशिया कप के लिये होने वाले क्वालीफायर्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कोविड—19 के कारण लंबे विश्राम के बाद वापसी करने वाली भारतीय टीम ने मार्च में दो अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैचों में ओमान से 1—1 से ड्रा खेला लेकिन यूएई के हाथों उसे 0—6 से हार का सामना करना पड़ा था।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा, ”हम उन मैचों के बारे में जितना कम सोचें उतना ही बेहतर होगा। यह अतीत की बातें हैं। लेकिन जो कुछ हुआ उसको याद रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पता चलता है कि हमें किन विभागों में काम करने की जरूरत है। ”
उन्होंने कहा, ”हमारे सामने तीन कोरी स्लेट हैं और उन पर क्या लिखना है यह हम पर निर्भर है। ”
भारत की सीनियर राष्ट्रीय टीम को अपने पहले मैच में तीन जून को एशियाई चैंपियन कतर का सामना करना है। इसके बाद वह सात जून को बांग्लादेश और 15 जून को अफगानिस्तान से भिड़ेगा।
डिफेंडर प्रीतम कोटाल ने कहा, ”दुबई और दोहा की परिस्थितियां पूरी तरह से भिन्न हैं। दुबई में हमने दो अलग टीमों के साथ दो मैच खेले। हमने तब लगभग 16 महीने के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में वापसी की थी। ”
उन्होंने कहा, ”इन दो मैचों से हमें अपने सभी नकारात्मक पक्षों पर काम करने का मौका मिला। जून में परिणाम निश्चित तौर पर हमारे अनुकूल होंगे। ”
ओमान के खिलाफ मैत्री मैच में भारत के 10 खिलाड़ियों ने पदार्पण किया था और अनिरूद्ध थापा उस मैच में ड्रा को भारतीय फुटबॉल के लिये बहुत महत्वपूर्ण परिणाम मानते हैं।
थापा ने कहा, ”हमने ओमान के खिलाफ बेहद सकारात्मक प्रभाव छोड़ा जबकि हमारे 10 खिलाड़ियों ने पदार्पण किया था। मैं हमेशा सकारात्मक पहलुओं पर गौर करता हूं और मेरे हिसाब से यह भारतीय फुटबॉल के बेहद महत्वपूर्ण परिणाम था। ”
उन्होंने कहा, ”क्वालीफायर्स में हम अपनी मजबूत टीम के साथ उतरेंगे। दुबई के परिणामों का दोहा में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
भाषा पंत
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