नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) इंडियन पिकलबॉल लीग का सोमवार को यहां धूमधाम से आगाज हुआ जिसमें छह टीमें खिताब के लिए चुनौती पेश करेंगी।
आयोजकों ने इस मौके पर पिकलबॉल को जबरदस्त क्षमता वाला खेल करार देते हुए इसे देश का एक प्रमुख खेल बनाने का वादा किया।
खेल मंत्रालय के तहत भारतीय पिकलबॉल संघ (आईपीएस) द्वारा अनुमोदित और ‘द टाइम्स समूह’ द्वारा शुरू की गई इस लीग में छह फ्रेंचाइजी टीमें ट्रॉफी के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम के केडी जाधव इंडोर हॉल में इस ट्रॉफी का अनावरण किया।
यह आयोजन सात दिसंबर को समाप्त होगा। इसमें बेंगलुरु ब्लास्टर्स, हैदराबाद रॉयल्स, चेन्नई सुपर वॉरियर्स, मुंबई स्मैशर्स, कैपिटल वॉरियर्स और लखनऊ लेपर्ड्स की टीमें शीर्ष पुरस्कार के लिए मुकाबला करेंगी।
ट्रॉफी का अनावरण करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत हमेशा से एक ऐसा देश है जहां खेल जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हर भारतीय कोई न कोई खेल खेलना चाहता है। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में खेल की संस्कृति लाए हैं, हर भारतीय किसी न किसी खेल में शामिल होने के लिए प्रेरित हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिकलबॉल एक नया खेल है और यह भारत में मौजूद खेलों की लंबी सूची में जुड़ गया है। हम दिल्ली सरकार में यह सुनिश्चित करेंगे कि पिकलबॉल राज्य में स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बने।’’
लीग के उद्घाटन के मौके पर ‘द टाइम्स समूह’ के प्रबंध निदेशक विनीत जैन ने कहा कि यह उद्घाटन सत्र खेल जगत में ‘वास्तव में परिवर्तनकारी चीज की शुरुआत’ का प्रतीक है।
जैन ने कहा, ‘‘ भारत इस लीग की आगाज से आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास के साथ वैश्विक पिकलबॉल मंच पर कदम रख रहा है। यह लीग सिर्फ एक प्रतिस्पर्धा नहीं है, बल्कि यह भारत में एक खेल आंदोलन की शुरुआत है, जो हर युवा खिलाड़ी को परखेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा खेल है जहां आप किसी सीमा के परे आगे बढ़ सकते हैं, चमक सकते हैं और सपने देख सकते हैं। हम पिकलबॉल को भारत में क्रिकेट के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल बनाने के अपने मिशन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए केडी जाधव इंडोर हॉल में 500 सीटें दिल्ली के छात्रों के लिए आरक्षित रहेगी ताकी वे मुकाबलों को अपने सामने देख सके।
उन्होंने लीग में भाग लेने वाले खिलाड़ियों से कहा कि वे ‘ अपने खेल के स्तर को लगातार ऊंचा उठाते रहे’।
भाषा आनन्द मोना
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