Samar 'Badru' Banerjee passes away
Samar ‘Badru’ Banerjee passes away: कोलकाता, 20 अगस्त। मेलबर्न 1956 ओलंपिक में एतिहासिक चौथे स्थान पर रहने के दौरान भारतीय फुटबॉल की टीम अगुआई करने वाले पूर्व कप्तान समर ‘बद्रू’ बनर्जी का लंबी बीमारी के बाद शनिवार तड़के यहां निधन हो गया।वह 92 वर्ष के थे। बनर्जी के परिवार में उनकी बहू है।
‘बद्रू दा’ के नाम से मशहूर बनर्जी अल्जाइमर, एजोटेमिया और उच्च रक्तचाप से संबंधित बीमारियों से पीड़ित थे। उन्हें कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद 27 जुलाई को एमआर बांगर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मोहन बागान के सचिव देबाशीष दत्ता ने पीटीआई को बताया, ‘‘उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें राज्य के खेल मंत्री अरूप विश्वास की देखरेख में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने तड़के करीब दो बजकर 10 मिनट पर अंतिम सांस ली।’’
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Samar ‘Badru’ Banerjee passes away: उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘वह हमारे प्रिय ‘बद्रू दा’ थे और हमने उन्हें 2009 में मोहन बागान रत्न से नवाजा था। यह हमारे लिए एक और बड़ी क्षति है।’’
उनके पार्थिव शरीर को क्लब में लाया गया जहां सदस्यों और प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भारतीय फुटबॉल टीम ने अब तक तीन ओलंपिक में भाग लिया है और बनर्जी के नेतृत्व वाली 1956 की टीम ने इन खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। तब भारतीय टीम कांस्य पदक के प्ले आफ में बुल्गारिया से 0-3 से हारकर चौथे स्थान पर रही। इस युग को भारतीय फुटबॉल का ‘स्वर्ण युग’ माना जाता है।
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पहले दौर में वॉकओवर पाने के बाद सैयद अब्दुल रहीम के मार्गदर्शन में खेल रही टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 4-2 से हराया। इस टीम में पीके बनर्जी, नेविल डिसूजा और जे ‘किट्टू’ कृष्णास्वामी भी थे। डिसूजा ने मैच में शानदार हैट्रिक लगाई। टीम अंतिम चार चरण में यूगोस्लाविया से 1-4 से हारकर फाइनल में जगह बनाने में विफल रही।
मोहन बागान की अपने पहले डूरंड कप (1953), रोवर्स कप (1955) सहित कई ट्रॉफिया जीतने में मदद करने वाले बनर्जी ने एक खिलाड़ी (1953, 1955) के रूप में दो और कोच (1962) के रूप में एक बार संतोष ट्रॉफी भी जीती। वह भारतीय राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ता भी रहे।