जलयुक्त योजना की जांच के पीछे प्रतिशोध की कोई भावना नहीं : अजित पवार
जलयुक्त योजना की जांच के पीछे प्रतिशोध की कोई भावना नहीं : अजित पवार
पुणे, 16 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि जलयुक्त शिवार योजना की जांच शुरू करने के फैसले के पीछे कोई प्रतिशोध की भावना नहीं थी । साथ ही उन्होंने दावा किया कि पिछली देवेंद्र फडणवीस सरकार में जल संरक्षण मंत्री ने खुद इसमें ”अनियमितता” स्वीकार की थी।
राज्य सरकार ने बुधवार को इस परियोजना को लेकर जांच कराने का निर्णय लिया था और बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि विशेष जांच दल (एसआईटी) इस मामले में जांच-पड़ताल करेगा क्योंकि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने परियोजना के कार्य और उससे प्राप्त नतीजों पर सवाल खड़े किए थे।
भाजपा ने जांच को लेकर किए गए निर्णय के पीछे ”राजनीतिक प्रतिशोध” का आरोप लगाया है।
पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ” जांच के आदेश इरादतन नहीं दिए गए हैं और इसमें प्रतिशोध जैसी कोई बात नहीं है। यह जानबूझकर नहीं किया गया है। मंत्रिमंडल में कैग रिपोर्ट पर हुई चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखने की जरूरत नहीं है।
महाराष्ट्र को 2019 तक सूखा मुक्त करने के लक्ष्य के साथ फड़णवीस सरकार ने 2014 में ‘जलयुक्त शिवार अभियान’ शुरू किया था। इसके तहत नहरों को चौड़ा और गहरा करना, सीमेंट और मिट्टी के बांध बनाना, नालों की मरम्मत करना और खेतों के लिये तालाबों की खुदाई जैसे कार्य किये जाने थे।
भाषा शफीक मनीषा
मनीषा

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