तोक्यो में पदक के लिये सिंधु को मैचों के बीच रिकवरी पर अधिक ध्यान देना होगा : विमल

तोक्यो में पदक के लिये सिंधु को मैचों के बीच रिकवरी पर अधिक ध्यान देना होगा : विमल

  •  
  • Publish Date - April 1, 2021 / 12:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:32 PM IST

नयी दिल्ली, एक अप्रैल ( भाषा ) भारत के पूर्व बैडमिंटन कोच विमल कुमार का मानना है कि विश्व चैम्पियन पी वी सिंधु तोक्यो ओलंपिक में भारत की सर्वश्रेष्ठ पदक उम्मीद है लेकिन उसे यह हासिल करने के लिये मैचों के बीच रिकवरी पर अधिक ध्यान देना होगा ।

सिंधु जनवरी में थाईलैंड में तीन टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी । वह स्विस ओपन के फाइनल और आल इंग्लैंड सेमीफाइनल में पहुंची लेकिन ओलंपिक चैम्पियन कैरोलिना मारिन और थाईलैंड की पोर्नपावी चोचुवोंग से हार गई ।

विमल ने पीटीआई से कहा ,‘‘मुझे लगता है कि ओलंपिक में पदक की सबसे बड़ी उम्मीद सिंधु है और वह जीत सकती है । उसने आल इंग्लैंड क्वार्टर फाइनल में अकाने यामागुची के खिलाफ इसकी झलक दिखलाई । उसे हालांकि मैचों के बीच रिकवरी पर ध्यान देना होगा क्योंकि इसके लिये 24 घंटे नहीं मिलेंगे ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ आइस बाथ या और भी कई तरीके हैं जिससे कठिन मैच के बाद ‘लेक्टिक एसिड’ के बढे हुए स्तर पर काबू पा सकते हैं । मुझे नहीं लगता कि उसकी फिटनेस को लेकर कोई मसला है।’’

विमल ने कहा ,‘‘ मारिन और पोर्नपावी के खिलाफ मैच में उसका प्रदर्शन खराब रहा । कई बार शेड्यूल ऐसा होता है कि रिकवरी मुश्किल हो जाती है । टेनिस खिलाड़ियों को ही देखो जो पांच छह घंटे कठिन मैच खेलने के बाद फिर पांच सेटों का मुकाबला खेलते हैं ।रिकवरी काफी मायने रखती है ।’’

लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हालिया नतीजों को देखते हुए उसका तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना मुश्किल है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ अभी भी उसे बार बार चोट लग रही है । वह क्वालीफाई कर सकती है लेकिन सब कुछ इंडिया सुपर 500 पर निर्भर करता है । उसे अच्छा प्रदर्शन करना होगा । इंडिया ओपन के बाद उसे मलेशिया और सिंगापुर में भी अच्छा खेलना होगा ।’’

खराब फॉर्म से जूझ रहे किदाम्बी श्रीकांत के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘वह गुमनाम खिलाड़ियों से हार रहा है जो अच्छे नतीजे नहीं है । उसे अपनी तकनीक और रणनीति पर काम करना होगा । मुझे लगता है कि वह काफी दबाव में है । उसके चेहरे पर हमेशा तनाव रहता है जिसका असर खेल पर पड़ रहा है ।’’

भाषा

मोना सुधीर

सुधीर