स्टिमक के आचरण से यह विश्वास मजबूत होता है कि उनका अनुबंध समाप्त करना सही निर्णय था: एआईएफएफ

स्टिमक के आचरण से यह विश्वास मजबूत होता है कि उनका अनुबंध समाप्त करना सही निर्णय था: एआईएफएफ

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  • Publish Date - June 24, 2024 / 08:56 PM IST,
    Updated On - June 24, 2024 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने सोमवार को बर्खास्त कोच इगोर स्टिमक पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में देश के फुटबॉल जगत को खराब रोशनी में दिखाने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि बहाने और असफलताएं उनके पांच साल के उथल-पुथल भरे कार्यकाल की पहचान बन गए थे।

राष्ट्रीय पुरुष टीम के पूर्व मुख्य कोच द्वारा एआईएफएफ के खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए महासंघ ने कहा कि टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने जो कुछ भी मांगा था उन्हें मुहैया कराने के लिए उसमें कोई कसर नहीं छोड़ी गई।

एआईएफएफ ने एक लंबे बयान में कहा कि बर्खास्त किए जाने के चार दिन बाद स्टिमक का प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने का एकमात्र इरादा महासंघ को बदनाम करना था।

एआईएफएफ ने बयान में कहा, ‘‘(स्टिमक के) इस आचरण ने एआईएफएफ के इस विश्वास को और पुख्ता किया है कि उनका अनुबंध समाप्त करने और भारतीय फुटबॉल के हित में आगे बढ़ने का सही निर्णय लिया गया था।’’

एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे पर तीखा हमला करते हुए स्टिमक ने कहा था कि जितनी जल्दी वे पद छोड़ेंगे देश में फुटबॉल के भविष्य के लिए उतना ही बेहतर होगा जहां वैश्विक स्तर पर पसंद किया जाने वाला यह खेल बिल्कुल भी विकसित नहीं हो रहा है।

एआईएफएफ ने स्टिमक के दावों को खारिज कर दिया।

महासंघ ने कहा, ‘‘स्टिमक को टीम प्रबंधक के साथ उनके संवाद के अनुसार स्थलों, सहायक कर्मचारियों, यात्रा के दिनों के चयन सहित कार्य करने की पूरी स्वायत्तता दी गई थी।’’

बयान में कहा गया, ‘‘उनके विशिष्ट अनुरोधों, विशेष रूप से उनकी पसंद के विभिन्न सहायक कर्मचारियों के लिए, राष्ट्रीय टीम के हित में एआईएफएफ द्वारा हमेशा समर्थन दिया गया था।’’

महासंघ ने अपने बचाव में कहा, ‘‘एआईएफएफ ने खिलाड़ियों को रिलीज करने के लिए क्लबों और एफएसडीएल (एआईएफएफ का वाणिज्यिक भागीदार) के साथ बातचीत की जिससे कि कोच को तैयारी के लिए अधिकतम दिन मिले।’’

स्टिमक को टीम के फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में पहुंचने में विफल रहने के बाद पद से हटा दिया गया था जिसके बाद उन्होंने एआईएफएफ के खिलाफ कुछ गंभीर आरोप लगाए थे।

उन्होंने कहा कि भारतीय फुटबॉल ‘कैद’ में है और देश में खेल से जुड़ी अधिकांश समस्याओं के लिए चौबे को दोषी ठहराया।

एआईएफएफ ने कहा, ‘‘सऊदी अरब के अभा के लिए चार्टर फ्लाइट के अनुरोध को छोड़कर उनकी लगभग सभी मांग पूरी की गईं। चार्टर फ्लाइट के मामले में भी उन्हें समय पर विभिन्न चुनौतियों के बारे में सूचित किया गया था’’

महासंघ ने स्टिमक के इस दावे पर भी प्रतिक्रिया दी कि टीम को 200 दिनों से अधिक समय तक जीपीएस जैकेट के बिना ट्रेनिंग के लिए मजबूर किया गया था।

एआईएफएफ ने कहा, ‘‘स्टिमक को पता है कि सितंबर 2023 में एशियाई खेलों के लिए नई दिल्ली से हांगझोउ तक टीम की यात्रा के दौरान विमान कंपनी द्वारा टीम के जीपीएस उपकरण खो दिए गए थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये महंगे गैजेट हैं और सामान को वापस पाने के कई प्रयास किए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जब यह स्पष्ट हो गया कि सामान वापस मिलने की संभावना नहीं है, तो नए उपकरणों का ऑर्डर दिया गया और आवश्यक प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद मार्च 2024 में वे भारत आ गए।’’

क्रोएशिया की विश्व कप टीम के सदस्य रहे स्टिमक को 2019 में स्टीफन कॉन्सटेनटाइन के जाने के बाद भारत का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।

मीडिया के साथ अपनी अंतिम बातचीत में 56 वर्षीय स्टिमक ने खुलासा किया कि उन्हें एशियाई कप से पहले केवल विश्व कप क्वालीफायर के महत्व के बारे में एआईएफएफ को समझाने की कोशिश करने के लिए अंतिम चेतावनी दी गई थी।

एआईएफएफ ने यह कहते हुए जवाब दिया कि कोच ने सात से नौ मई के बीच मलेशिया में तीसरे एएफसी राष्ट्रीय कोच सम्मेलन में महासंघ का प्रतिनिधित्व करते समय भारतीय फुटबॉल को खराब रोशनी में दिखाने की कोशिश की।

महासंघ ने कहा, ‘‘एएफसी अधिकारियों और मेजबानों के साथ अपनी बातचीत में स्टिमक ने सार्वजनिक रूप से कहा कि भारत की सीनियर पुरुष राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में उनके पास केवल चार सहायक कर्मचारी हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सर्वविदित है कि स्टिमक के पास हर शिविर और टूर्नामेंट के लिए हमेशा 13 से 16 सहायक कर्मचारियों का दल होता था। एशियाई कप के लिए उन्होंने एक अतिरिक्त गोलकीपर कोच और एक फ्रीकिक विशेषज्ञ रखने पर जोर दिया था।’’

एआईएफएफ ने कहा, ‘‘एआईएफएफ ने इन अतिरिक्त मांगों पर कभी आपत्ति नहीं जताई। यह स्पष्ट है कि स्टिमक ने भारत, एआईएफएफ और भारतीय फुटबॉल की प्रतिष्ठा की कीमत पर अन्य देशों के कोचों और एएफसी से सहानुभूति हासिल करने के लिए जानबूझकर तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया।’’

निकाले जाने के एक दिन बाद स्टिमक ने धमकी दी कि अगर उनका बकाया (3,60,000 अमेरिकी डॉलर) 10 दिनों के भीतर चुकाया नहीं गया तो वह फीफा पंचाट में एआईएफएफ के खिलाफ मुकदमा दायर करेंगे।

राष्ट्रीय महासंघ ने कहा कि जब अक्टूबर 2023 में उनके अनुबंध के नवीनीकरण की बात आई तो उपाध्यक्ष एनए हैरिस की अध्यक्षता में एआईएफएफ की कोर समिति ने पहले ही बैठक कर प्रस्ताव रखा कि स्टिमक को दो साल का अनुबंध दिया जा सकता है जिसमें जनवरी 2024 से उनका मासिक वेतन 30 हजार डॉलर होगा।

स्टिमक ने यह भी कहा कि भारतीय फुटबॉल को लेकर तनाव ने उनके स्वास्थ्य को प्रभावित किया क्योंकि उन्हें हृदय रोग के इलाज के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। एआईएफएफ ने इस दावे पर आश्चर्य व्यक्त किया।

एआईएफएफ ने कहा, ‘‘यह विडंबना है कि जो व्यक्ति राष्ट्रीय टीम के भाग्य को नियंत्रित करने वाला प्रमुख व्यक्ति था वह मानता है कि भारतीय फुटबॉल कैद है और विकसित नहीं हुआ है। पूरी व्यवस्था को दोष देना फैशन बन गया है, विशेषकर तब जब आप कोई व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते।’’

भाषा सुधीर मोना

मोना