ये हैं क्रिकेट के सबसे ‘कंजूस’ गेंदबाज, लगातार 21 मेडन फेंकने का अद्भुत रिकॉर्ड, 32 ओवर में दिए मात्र 5 रन

बापू नादकर्णी ने अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी की बदौलत 1964 में तत्कालीन मद्रास (चेन्नई) के कॉरपोरेशन स्टेडियम में अंग्रेजों को एक रन के लिए तरसाया दिया था। यहां खेले गए टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 131 गेंदें फेंकीं, जिन पर एक भी रन नहीं बना।

ये हैं क्रिकेट के सबसे ‘कंजूस’ गेंदबाज, लगातार 21 मेडन फेंकने का अद्भुत रिकॉर्ड, 32 ओवर में दिए मात्र 5 रन
Modified Date: January 12, 2023 / 04:05 pm IST
Published Date: January 12, 2023 4:05 pm IST

most ‘miserable’ bowler of cricket Bapu Nadkarni

नई दिल्ली। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में बापू नादकर्णी एक ऐसा नाम हैं जिनके नाम अद्भुत रिकॉर्ड भी है। उन्होंने एक टेस्ट में लगातार 131 गेंदों में एक भी रन नहीं देने का कीर्तिमान बनाया था। बापू नादकर्णी को सबसे ‘कंजूस’ गेंदबाज के तौर पर याद किया जाता है। उन्होंने यह कारनामा 59 साल पहले आज (12 जनवरी, 1964) को ही कर दिखाया था।

बापू नादकर्णी ने अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी की बदौलत 1964 में तत्कालीन मद्रास (चेन्नई) के कॉरपोरेशन स्टेडियम में अंग्रेजों को एक रन के लिए तरसाया दिया था। यहां खेले गए टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 131 गेंदें फेंकीं, जिन पर एक भी रन नहीं बना। उस पारी में उन्होंने कुल 32 ओवरों में 27 मेडन फेंके, जिनमें लगातार 21 मेडन ओवर थे। और 5 रन ही दिए, उनका गेंदबाजी विश्लेषण रहा- 32-27-5-0।

मद्रास टेस्ट: बापू नादकर्णी के चार स्पेल

पहला स्पेल: 3-3-0-0

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दूसरा स्पेल: 7-5-2-0

तीसरा स्पेल: 19-18-1-0

चौथा स्पेल: 3-1-2-0

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यह थी उनकी हैरान कर देने वाली खासियत

बापू नादकर्णी नेट्स पर सिक्का रखकर गेंदबाजी करते थे, उनकी बाएं हाथ की फिरकी इतनी सधी थी कि गेंद वहीं पर गिरती थी, टेस्ट करियर में बापू की 1.67 रन प्रति ओवर की इकोनॉमी रही। बापू 41 टेस्ट खेले, 9165 गेंदों में 2559 रन दिए और 88 विकेट झटके थे।

फील्डिंग और बल्लेबाजी से भी किया कमाल

बापू नादकर्णी क्रिकेट के हर डिपार्टमेंट में माहिर थे, वे अपने स्पिन से बल्लेबाजों को बांधा, उनकी बल्लेबाजी भी गजब की थी, वे एक हिम्मती फील्डर भी थे, जो फील्ड पर बल्लेबाज के सामने खड़े होते थे। बापू ने इंग्लैंड के खिलाफ 1963-64 सीरीज में कानपुर में नाबाद 122 रनों की पारी खेलकर भारत को हार से बचाया था ।1933 में नासिक में जन्मे बापू का 2020 (86 साल, 288 दिन की उम्र) में मुंबई में निधन हुआ था।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com