नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के बहुप्रतीक्षित चुनाव 12 अगस्त को कराए जाएंगे जिसमें महाराष्ट्र राज्य चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगा क्योंकि निर्वाचन अधिकारी न्यायमूर्ति एमएम कुमार ने दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों को भागीदारी के लिए अयोग्य करार दिया। यह घोषणा शुक्रवार को की गयी।
तदर्थ समिति ने इससे पहले छह जुलाई को चुनाव निर्धारित किए थे, लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के संबंधित राज्य निकायों द्वारा सुनवाई के लिए संपर्क करने के बाद उसे 11 जुलाई को चुनाव पुनर्निर्धारित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम कुश्ती संघ (एडब्ल्यूए) की याचिका के बाद चुनावों पर रोक लगा दी थी जिसके कारण ये चुनाव 11 जुलाई को भी नहीं हो सका था। एडब्ल्यूए ने चुनाव प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व के अधिकार का आग्रह किया था।
उच्चतम न्यायालय ने डब्ल्यूएफआई के चुनाव पर गुवाहाटी उच्च न्यायालय की ओर से लगायी गयी रोक हटाते हुए संबंधित चुनाव का मार्ग मंगलवार को प्रशस्त कर दिया था।
निर्वाचक मंडल में अब 24 राज्य निकायों से मतदान के अधिकार वाले 48 सदस्य होंगे। पदों के लिए नामांकन एक अगस्त को दाखिल किए जाएंगे।
नामांकन की जांच दो अगस्त को की जाएगी और उम्मीदवारों की अंतिम सूची सात अगस्त को प्रकाशित की जाएगी। अगर चुनाव की आवश्यकता हुई तो मतदान 12 अगस्त को आयोजित किया जाएगा।
डब्ल्यूएफआई चुनावों से जुड़े पांच विवादों में से चार डब्ल्यूएफआई की पिछली समिति के पक्ष में रहा।
न्यायमूर्ति एमएम कुमार ने घोषणा की कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार और रामदास तडस के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र के दो प्रतिद्वंद्वी गुट निर्वाचक मंडल के गठन के लिए अपने किसी भी सदस्य को नामित करने के लिए अयोग्य हैं।
हरियाणा के मामले में जिस गुट में रोहताश सिंह और राकेश सिंह क्रमशः अध्यक्ष और सचिव हैं, उसे निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया था। यह गुट बृजभूषण का करीबी है।
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाले गुट का दावा खारिज कर दिया गया।
हमजा-बिन ओमर और के नरसिंग राव को तेलंगाना राज्य से निर्वाचक मंडल में जोड़ा गया है। यह दोनों डब्ल्यूएफआई की पिछली समिति के करीबी है।
हिमाचल प्रदेश से संबंधित विवाद में प्रतिद्वंद्वी गुटों के एक-एक सदस्य को निर्वाचक मंडल में जगह मिलने पर समझौता हो गया। वर्तमान महासचिव जगदीश और असंबद्ध इकाई से कुलदीप राणा को सूची में जोड़ा गया। राणा ने अध्यक्ष चंद्रमोहन का स्थान लिया।
राजस्थान से मौजूदा अध्यक्ष उम्मेद सिंह और महासचिव नानू सिंह को बरकरार रखा गया जबकि प्रेम लोचब के नेतृत्व वाले गुट का दावा खारिज कर दिया गया।
खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक समिति नियुक्त करने के बाद डब्ल्यूएफआई को तत्काल प्रभाव से अपनी सभी गतिविधियों को निलंबित करने का आदेश दिया था। उन्हें इस में मामले में जमानत मिल गई है।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इसके बार इस खेल से जुड़े दैनिक कार्यों के संचालन के लिए एक तदर्थ समिति को नियुक्त किया था।
बृजभूषण अध्यक्ष के रूप में 12 साल पूरे कर चुके हैं। वह खेल संहिता के दिशानिर्देशों के अनुसार चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के प्रमुख उनके बेटे करण चुनाव लड़ते हैं या नहीं।
भाषा आनन्द नमिता
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