मुंबई, 11 दिसंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सीईओ संजोग गुप्ता ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि अब तक हुए तीन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल ने खेल के पारंपरिक प्रारूप के लिए सबसे बड़ी प्रतियोगिता बनाने के मकसद को निश्चित रूप से पूरा किया है।
न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ने एक-एक बार डब्ल्यूटीसी जीता है जबकि भारत दो बार उप विजेता रहा है।
गुप्ता ने कहा कि पिछले सत्र के फाइनल में भारत और इंग्लैंड की गैरमौजूदगी के बावजूद ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच के दौरान लॉर्ड्स का स्टेडियम भरा हुआ था जो वैश्विक संचालन संस्था के लिए ऐतिहासिक पल था।
गुप्ता ने यहां ‘एबी इनबेव इंडिया (बडवाइजर 0.0) के साथ आईसीसी की वैश्विक साझेदारी की घोषणा के दौरान कहा, ‘‘विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का मकसद सिर्फ एक पांच जमा एक दिनी मुकाबला होने से कहीं अधिक है जिसमें दो सर्वश्रेष्ठ टीमें इस प्रारूप के सबसे बड़े इनाम के लिए मुकाबला करती हैं। बल्कि यह फाइनल से पहले के दो वर्षों के टेस्ट क्रिकेट को एक संदर्भ देना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी कोशिश के साथ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप शुरू की गई थी और हमने अब तक इसके तीन सत्र देखे हैं जिससे पता चलता है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल ने टेस्ट क्रिकेट के लिए एक बेहतरीन प्रतियोगिता देने का अपना लक्ष्य निश्चित रूप से पूरा किया है।’’
उन्होंने कहा कि लॉर्ड्स में दर्शकों की संख्या ने दिखाया कि डब्ल्यूटीसी फाइनल ने प्रशंसकों के बीच दिलचस्पी जगाई है जो अब अन्य बड़ी प्रतियोगिताओं की तरह इसका भी इंतजार करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था और लॉर्ड्स खचाखच भरा हुआ था।’’
गुप्ता ने कहा, ‘‘भारत नहीं खेल रहा था, इंग्लैंड नहीं खेल रहा था। ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अफ्रीका से खेल रहा था और लॉर्ड्स खचाखच भरा हुआ था जिसका मतलब है कि अब हमारे पास टेस्ट क्रिकेट में एक ऐसी बड़ी प्रतियोगिता है जिसका दुनिया इंतजार करती है या जो दुनिया टेस्ट क्रिकेट का आनंद लेती है वह इसका इंतजार करती है।’’
भाषा सुधीर नमिता
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