एथेंस, 17 अक्टूबर (भाषा) अनुभवी भारतीय ट्रैप निशानेबाज जोरावर सिंह संधू की लगभग तीन दशक की कड़ी मेहनत रंग लाई जब उन्होंने शुक्रवार को यहां अपना पहला आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप (शॉटगन) कांस्य पदक जीता।
इस पदक ने भारत को इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपना खाता खोलने में मदद की।
इस अड़तालिस वर्षीय निशानेबाज ने ट्रैप स्पर्धा के तीसरे और अंतिम दिन प्रभावशाली प्रदर्शन किया और छह निशानेबाजों के फाइनल में 31 अंक बनाए।
क्रोएशिया के जोसिप ग्लासनोविक (44) ने स्वर्ण पदक जीता जबकि स्पेन के एंड्रेस गार्सिया (39) ने रजत पदक जीता।
कई बार के राष्ट्रीय चैंपियन और दो विश्व कप पदक विजेता संधू ने बृहस्पतिवार को 125 में से 122 अंक का स्कोर बनाया। इस स्कोर ने उन्हें क्वालीफिकेशन में छठे स्थान से पदक दौर में प्रवेश करने में मदद की।
फाइनल में संधू ने क्रोएशिया के कई बार के विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता और पूर्व यूरोपीय चैंपियन एंटोन ग्लासनोविक से आगे रहकर कांस्य पदक जीता। यह संधू के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि थी।
संधू, विवान कपूर और भौनीश मेंदीरत्ता की टीम ने 352 का कुल स्कोर बनाकर 10वां स्थान हासिल किया।
महिला ट्रैप स्पर्धा में भारत की आशिमा अहलावत 73 निशानेबाजों में 109 अंक के साथ 40वें स्थान पर रहीं जबकि नीरू (109) 43वें और कीर्ति गुप्ता (101) 62वें स्थान पर रहीं। टीम का कुल स्कोर 319 से आठवें स्थान पर रही।
स्पेन ने 355 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता।
मिश्रित ट्रैप टीम स्पर्धा शनिवार से शुरू होगी जिसमें दो भारतीय जोड़ियां प्रतिस्पर्धा करेंगी।
भाषा नमिता
नमिता