इस नगर निगम के नवनिर्वाचित मेयर पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने का आरोप, कोर्ट ने मांगा जवाब

इस नगर निगम के नवनिर्वाचित मेयर पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने का आरोप, कोर्ट ने मांगा जवाब

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  • Publish Date - March 4, 2020 / 06:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

कोरबा। कोरबा नगर निगम के मेयर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ लगाए गए चुनाव याचिका को जिला एवं सत्र न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। मेयर राजकिशोर प्रसाद और जिला निर्वाचन अधिकारी को नोटिस जारी कर चार अप्रैल तक अपना जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी और भाजपा की ही महापौर प्रत्याशी रितु चौरसिया ने मेयर राजकिशोर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई थी।

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दोनों ही याचिका में मेयर राजकिशोर के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि उनकी जाति प्रमाण पत्र पहले बिहार की है, बाद में छत्तीसगढ़ में चाचा के वंशावली के आधार पर छत्तीसगढ़ में दूसरी जाति प्रमाणपत्र बना ली गई। बिहार में बना जाति प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ में वैध नहीं है। वहीँ एक ही व्यक्ति की दो स्थान से जाति प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा सकता है।

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कोरबा महापौर की सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थी। चुनाव में कांग्रेस ने महापौर पद के लिए राजकिशोर प्रसाद को मैदान में उतारा था। भाजपा की रितु चौरसिया एक वोट से चुनाव हार गई थी। इसके बाद मेयर राजकिशोर के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए राजकिशोर प्रसाद और जिला निर्वाचन अधिकारी को चार अप्रैल तक जवाब देने का समय दिया है।

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भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी का कहना है कि मेयर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी है। मेयर ने कोरबा तहसील में भी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। जिसे पहले निरस्त कर दिया गया था।