सरकार की पट्टा देने की घोषणा के बाद वन भूमि पर ग्रामीणों का कब्जा, 85 हेक्टेयर जमीन पर 73 लोगों की दावेदारी

सरकार की पट्टा देने की घोषणा के बाद वन भूमि पर ग्रामीणों का कब्जा, 85 हेक्टेयर जमीन पर 73 लोगों की दावेदारी

सरकार की पट्टा देने की घोषणा के बाद वन भूमि पर ग्रामीणों का कब्जा, 85 हेक्टेयर जमीन पर 73 लोगों की दावेदारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: August 5, 2019 4:46 am IST

बलरामपुर। छग में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद घोषणा पत्र में किए गए वादे के मुताबिक सरकार वनभूमि का पट्टा बांट रही है और कई लोगों को इसका लाभ भी मिल रहा है लेकिन कुछ जगहों पर इसके गलत परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं, बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है यहां के सरगडी और गोविन्दपुर गांव में आज से पहले वन भूमि के 85 हेक्टेयर जमीन पर किसी का कब्जा नहीं था लेकिन जमीन की लालच में अब 73 लोग इसमें कब्जे की दावेदारी कर रहे हैं।

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यहां हैरान करने वाली बात तो यह भी है की आवेदन करने वालों में मानसिक रुप से पीड़ित और कमजोर लोग भी शमिल हैं। जबकि वन विभाग ने इस जमीन पर जंगल को फिर से जी​वित करने के लिए पौधरोपण हेतु गड्ढे भी खोदकर रखे हुए हैं। इस पूरे क्षेत्र में 94 हजार पौधे लगाए जाने हैं और पौधरोपण के लिए सब कुछ तैयार है लेकिन गांववालों की आपत्ति के चलते वन विभाग कुछ भी करने में असमर्थ है।

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मामला काफी गंभीर होने के कारण क्षेत्रीय विधायक बृहस्पति सिंह को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होने चौपाल लगाकर ग्रामीणों को समझाईश दी। विधायक ने कहा की पट्टा के साथ साथ जंगल भी जरुरी है उन्होने कहा की जिन्होने इसमें कब्जा किया है उनकी पात्रता को जांचने के बाद पट्टा देने के लिए विभाग को निर्देशित किया गया है वहीं उन्होने मानसिक रुप से कमजोर लोगों के बारे में कहा की आवेदन करने का अधिकार सभी को है और पात्रों को ही पट्टा दिया जाएगा।

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वहीं मामले में उलझन में फंसा वन विभाग एक ओर विधायक के निर्देश के कारण दुविधा में है। वहीं उनकी मानें तो गूगल मैप में अभी भी ये जगह जंगल दिख रहा है। उन्होने कब्जाधारियों के बारे में बताया की सरकार के नियम के मुताबिक 2005 से पहले वालों को पट्टा दिया जाना है लेकिन जो इसमें दावा कर रहे हैं उनका 2005 के बाद का इसमें कब्जा है और सरकार ने जब से पट्टा देने की बात कही है उसके बाद ग्रामीण इसमें आवेदन कर रहे हैं। इस जमीन में पौधरोपण का काम भी इसी विवाद के कारण रुका हुआ है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com