कोरोना वायरस से निपटने में हुई चूक का विश्लेषण जरूरी : एनएचआरसी के कार्यवाहक अध्यक्ष

कोरोना वायरस से निपटने में हुई चूक का विश्लेषण जरूरी : एनएचआरसी के कार्यवाहक अध्यक्ष

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  • Publish Date - May 31, 2021 / 06:19 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

बलिया (उत्तर प्रदेश), 31 मई (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चन्द्र पंत ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़े मामलों को लेकर आत्मविश्लेषण पर जोर देते हुए कहा है कि चूक कहां हुई इस बारे में विचार करना होगा।

उन्होंने देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभी से तैयार रहना होगा।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति पंत ने रविवार को युवा चेतना के तत्वावधान में ‘कोरोना और भारत’ विषय पर आयोजित वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज भारत कोविड-19 संक्रमण की भयावह स्थिति का सामना कर रहा है। इस संक्रमण के कारण विश्व में मृतकों की संख्या के हिसाब से हमारा देश तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

उन्होंने देश में कोविड-19 के बढ़े मामलों को लेकर आत्मविश्लेषण पर जोर देते हुए कहा, ‘यह कड़वी सच्चाई है… गलती कहां पर हुई, इस बारे में हमें सोचना होगा। सरकार की कारगुजारियों पर चर्चा करने के बजाय हम सभी किस तरह से अपना योगदान दे सकते हैं, इस तरफ सभी को ध्यान केंद्रित करना होगा।’

उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। किस तरह से आम लोगों का जीवन सुरक्षित हो, इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। हम सभी को अपने अनुभव से सीखना होगा और अपनी ताकत को पहचानना होगा।

न्यायमूर्ति पंत ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभी से तैयार रहना होगा। आयोग ने पिछले डेढ़ साल में विशेषज्ञों से व्यापक विचार-विमर्श करने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों को निषिद्ध क्षेत्र, सामुदायिक सहभागिता, जबाबदेही, सुविधाओं में बढ़ोतरी और दाह संस्कार के संबंध में कई दिशा निर्देश दिए हैं।

ओडिशा के ढेंकानाल सीट से बीजू जनता दल के पूर्व सांसद तथागत सतपथी ने वेबिनार में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि देश ने कोरोना वायरस को पराजित कर दिया, यही उनसे गलती हुई। देश के लोगों को लगा कि जब प्रधानमंत्री बोल रहे हैं तो सही बात है। उसी समय जनता के मन से कोरोना वायरस के प्रति भय ख़त्म हो गया।’’

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह वक्त आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है और सभी को मिलकर महामारी का मुकाबला करना होगा।

वेबिनार का उद्घाटन करते हुए करपात्री आश्रम के प्रमुख संत स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि इस विपदा में सबको परस्पर सहयोग के भाव के साथ आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के बीच दूरी नहीं रहनी चाहिए। महामारी से मुकाबला करने के लिए चिकित्सकीय परामर्श के साथ आत्मबल और संयम की भी जरूरत है।

भाषा सं सलीम मनीषा सुरभि

सुरभि