बस्तर। 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा पर्व का समापन दन्तेवाड़ा की मावली माता की डोली विदाई के साथ पूरा हो गया। जगदलपुर दन्तेश्वरी मंदिर से माता की डोली को ससम्मान जिया डेरा लाया गया, मंदिर से जिया डेरा तक हजारों की संख्या में भक्तों ने माता का आशीर्वाद लिया, फूलों की वर्षा की और विदाई दी।
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गौरतलब है, मावली माता को निमंत्रण देकर दशहरा में शामिल करने की परम्परा 600 सालों से चली आ रही है, नवरात्र के अष्टमी के दिन माता जगदलपुर दशहरे में शामिल होने आती है, और भीतर रैनी और बाहर रैनी में रथारूढ़ होकर नगर भ्रमण करती है, इसके बाद आयोजित होने वाले मुरिया दरबार के बाद देवी की पूजा अर्चना कर दन्तेवाड़ा विदाई की जाती है।
वेब डेस्क IBC24