छत्तीसगढ़ की इस सीट पर है दो पूर्व विधायकों की बेटियों के बीच टक्कर

छत्तीसगढ़ की इस सीट पर है दो पूर्व विधायकों की बेटियों के बीच टक्कर

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  • Publish Date - November 17, 2018 / 12:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान बिलासपुर जिले की एक ऐसी सीट है, जिस पर दो बेटियों की टक्कर है। 41 साल बाद यहां कांग्रेस-भाजपा ने ऐसी बेटियों को टिकिट दी है, जिनके पिता यहां के विधायक रह चुके हैं और 1977 में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। 1977 के विधानसभा चुनाव में यहां जनता पार्टी के प्रत्याशी थे मनहरणलाल पांडेय और कांग्रेस के प्रत्याशी थे रोहिणी कुमार बाजपेयी। अब 2018 में यहां भाजपा से प्रत्याशी हैं, मनहरण लाल की पुत्री हर्षिता और कांग्रेस की प्रत्याशी हैं रोहिणी कुमार बाजपेयी की पुत्री रश्मि सिंह।

तखतपुर विधानसभा की गलियों में घूम-घूम कर वोट मांग रही रश्मि सिंह यह बताना नहीं भूलती कि उनका तखतपुर से दोहरा रिश्ता है। वह यहां की बेटी भी हैं और बहू भी। दरअसल रश्मि सिंह के पिता स्वर्गीय रोहिणी कुमार बाजपेयी यहां से विधायक रहे हैं और उनके ससुर ठाकुर बलराम सिंह भी यहां से दो बार विधायक रहे हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने उनके पति आशिष सिंह को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन इस बार भाजपा की महिला प्रत्याशी देखते हुए रश्मि सिंह को मैदान में उतार दिया है।

रश्मि सिंह का कहना है कि तखतपुर पिछले 15 साल में बदतर हो गया। सरकार और भाजपा विधायक ने यहां की जनता के लिए कोई काम नहीं किया। यह दुख उन्हें राजनीति में खींच लाया है और वे यहां की बेटी-बहू बनकर सेवा करने आई हैं।

वहीं भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी हैं। वे तखतपुर के पांच बार विधायक और मंत्री रह चुके स्वर्गीय मनहरण लाल पांडेय की बेटी हैं। वे गांवों में घूम-घूमकर बेटी के मायके लौटने और तीजाई लेने मतलब मायके आई बेटी को तीज में उपहार देने की बात कह रही हैं। ये कहती हैं कि उसे उपहार मतलब 20 तारीख को वोट चाहिए। हर्षिता को भाजपा ने अपने सिटिंग एमएलए राजू क्षत्रीय की टिकिट काटकर प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले वे छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष थीं और सक्रिय राजनीति में थीं। हर्षिता कहती हैं कि तखतपुर की सक्रिय बेटी तखतपुर का विकास करने घर वापस आई है।

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बेटियों की चुनावी जंग यहां रोचक और रोमांचक हो गई है। दोनों के साथ यहां के लोग हैं, समर्थक हैं और दोनों का प्रचार जारी है। इनमें से जीते कोई भी यह तो तय है कि तखतपुर की बेटी ही यहां की विधायक बनेगी।