रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लाॅकडाउन के दौरान महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर का ध्यान रखते उनके घरों तक पोषण आहार पहुंचाने की व्यवस्था की है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जा कर हितग्राहियों तक सूखा राशन और पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) का वितरण कर रही है।
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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गर्म भोजन की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्रदेश के 3.34 लाख चिन्हांकित हितग्राहियों को लाॅकडाउन अवधि का सूखा राशन और 2.43 लाख हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार का वितरण किया गया है। इनमें 2.22 लाख गर्भवती, 2.36 लाख शिशुवती महिलाएं और 15 हजार किशोरी बालिकाएं भी शामिल है।
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कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में 25 मार्च से लागू 21 दिन के लाॅकडाउन के कारण प्रदेश में आंगनबाड़ियों के बंद हो जाने से पूरक पोषण आहार और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत गर्म भोजन की व्यवस्था बंद करनी पड़ी है। इसका असर हितग्राहियों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर पर न हो इसके लिए रेडी टू ईट और सूखा राशन वितरण की व्यवस्था की गई है।
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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के चिन्हांकित हितग्राहियों को प्रतिदिन 100 ग्राम चावल, 25 ग्राम दाल एवं अन्य चना, गुड़, मूंगफली, अण्डा, सोयाबड़ी जैसी पौष्टिक सामग्री के मान से 21 दिनों के लिए सूखा राशन घर-घर पहुंचाया गया है। इसी तरह 03 से 06 वर्ष आयु के समान्य, मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों को गर्म भोजन के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में 125 ग्राम रेडी टू ईट प्रतिदिन के मान से 750 ग्राम टेक होम राशन (रेडी टू ईट)का वितरण हितग्राहियों को किया गया है। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लोगों को कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव की रोकथाम के लिए निर्धारित सुरक्षा मापदण्डों जैसे स्वच्छता, सामाजिक दूरी की भी समझाइश दी है।
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