फडणवीस ने कोविड-19 संकट पर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला, सरकार सिर्फ नौकरशाहों के तबादले में रुचि रखती है

फडणवीस ने कोविड-19 संकट पर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला, सरकार सिर्फ नौकरशाहों के तबादले में रुचि रखती है

  •  
  • Publish Date - September 8, 2020 / 11:24 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

मुंबई, आठ सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कोविड-19 संकट से निपटने को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार मामलों को कम दिखाने की कोशिश कर रही है और अधिक से अधिक जांच करने पर तवज्जो नहीं दे रही है।

निचले सदन में अनुपूरक मांगों पर चर्चा के दौरान फडणवीस ने कहा कि चिकित्सा खर्चे का कोई ऑडिट नहीं हुआ है और महामारी को लेकर कुप्रबंधन भी है।

भाजपा नेता ने कहा कि इस साल मार्च में जब महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र समाप्त हुआ था तब राज्य में कोविड-19 के रोगियों की संख्या 26 थी।

Read More: जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन आतंकवादी गिरफ्तार

उन्होंने कहा, ‘ आज (कोविड-19 के मरीजों की संख्या) 9,07,212 है और 27,027 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 16,401 पुलिस कर्मी कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उनमें से 162 ने दम तोड़ दिया है।’

उन्होंने कहा, ‘ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सिर्फ मुंबई की कोविड-19 स्थिति को देखते हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार पुणे में दिलचस्पी रखते हैं। क्या औरंगाबाद और नागपुर महाराष्ट्र में नहीं आते हैं? क्या आपने वहां की स्थिति की समीक्षा की और क्षेत्रों की जरूरतों को समझा? ‘

फडणवीस ने दावा किया कि सरकार ने अब तक सभी फैसले केवल कागज पर ही लिए हैं जबकि जमीनी स्थिति अलग है।

Read More: मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, कंगना के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई, क्या उद्धव ठाकरे अपने पुत्र पर लगे ड्रग्स के आरोपों की जांच कराएंगे?

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सरकार केवल कोविड-19 की संख्या को कम दिखाना चाहती है और अधिक जांच करने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है। हम कोविड -19 से निपटने में सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, यह सरकार पर निर्भर है कि वह स्थिति की गंभीरता का एहसास करे। ‘

उन्होंने कहा कि उपचार प्रोटोकॉल की समीक्षा करने की आवश्यकता है और इस तरह के उदाहरण हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए लोगों में दुष्प्रभाव देखे गए हैं।

भाजपा नेता ने कहा,’ सरकार को यह समझना होगा कि वायरस के प्रसार के प्रतिशत में वृद्धि हुई है।’

उन्होंने कोविड-19 देखभाल केंद्रों में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा।

किसानों का मुद्दा उठाते हुए फडणवीस ने कहा कि किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने बीजों की कमी जैसी उनकी समस्याओं से आंखें मूंदी हुई हैं। किसानों को अपनी उपज का बाजार मूल्य नहीं मिल रहा है और फसल बारिश में क्षतिग्रस्त हुई है।

Read More: इस सांसद को कोर्ट ने सुनाई है मौत की सजा, सदन में ली पद और गोपनीयता की शपथ

उन्होंने कहा, ‘ सरकार सिर्फ नौकरशाहों के तबादले में रुचि रखती है। स्थानांतरण के लिए प्रशासनिक खर्च 500 करोड़ रुपये है। क्या महामारी के बीच नौकरशाहों का तबादला करना जरूरी था? ‘

फडणवीस ने सरकार से कहा कि वह मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी (मुंबई का हरियाली क्षेत्र) से पहाड़ी गोरेगांव ले जाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करे।

उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों के लिए काम करना चाहिए ना की अहम को संतुष्ट करना चाहिए।

Read More: आरबीआई से उधार लेकर या ‘निजी ट्रस्ट कोष’ से धन जारी कर राज्यों का जीएसटी बकाया चुकाये: येचुरी

फडणवीस ने कई उपभोक्ताओं की बिजली के बढ़े हुए बिलों की शिकायत को लेकर भी सरकार पर हमला बोला।

फडणवीस ने विदर्भ क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति की अनदेखी के लिए भी मुख्यमंत्री की आलोचना की।

उन्होंने दावा किया, ‘उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) स्थिति के बारे में एक ट्वीट तक नहीं किया है। केवल 16 करोड़ रुपये राहत के लिए रखे गए हैं।’

राज्य में विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षा को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ आप हर बार लोकप्रिय निर्णय नहीं ले सकते हैं। आपको (छात्रों का भविष्य) ध्यान में रखते हुए कड़े फैसले लेने हैं।’

Read More: निजी अस्पतालों में सभी बिस्तरों के लिये शुल्क की ऊपरी सीमा तय करना अव्यवहार्य:महाराष्ट्र सरकार