इंदौर में स्वास्थ्य अधिकारी का वाहन चालक रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार
इंदौर में स्वास्थ्य अधिकारी का वाहन चालक रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार
इंदौर (मध्य प्रदेश),18 मई (भाषा) कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी के आरोप में यहां जिला स्वास्थ्य अधिकारी के वाहन चालक को गिरफ्तार किया गया है।
विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने मंगलवार को बताया कि सोमवार रात गिरफ्तार आरोपी की पहचान पुनीत अग्रवाल (27) के रूप में हुई है। थाना प्रभारी के मुताबिक अग्रवाल जिला स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गाडरिया की वह कार चलाता है जो स्वास्थ्य विभाग में एक निजी ट्रैवल एजेंसी द्वारा अन्य वाहनों के साथ अनुबंधित है।
काजी ने बताया कि अग्रवाल के पास से रेमडेसिविर के दो इंजेक्शन बरामद किए गए हैं जिन्हें वह जरूरतमंद मरीजों के परिजनों को अधिकतम खुदरा मूल्य से ऊंचे दामों पर कथित रूप से बेचने की फिराक में था।
थाना प्रभारी ने बताया, ‘यह पता लगाने के लिए अग्रवाल के मोबाइल नंबर का कॉल रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है कि क्या उसने गिरफ्तारी से पहले अवैध तौर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे हैं और उसका किन लोगों से संपर्क था?’
उधर, रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में अपने वाहन चालक की गिरफ्तारी पर गाडरिया ने कहा कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, ‘अग्रवाल एक निजी ट्रैवल एजेंसी का कर्मचारी है जिसने स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध के आधार पर गाड़ियां लगा रखी हैं। वह मुझे सरकारी कार्य के लिए घर-दफ्तर से लेने-छोड़ने के बाद क्या काम करता है, इससे मुझे कोई मतलब नहीं है।’
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय से सम्बद्ध गाडरिया पांच मई को अचानक सुखियों में आ गई थीं, जब उन्होंने जिलाधिकारी मनीष सिंह पर बदतमीजी का आरोप लगाते हुए शासकीय सेवा से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद सिंह को हटाने की एक सूत्रीय मांग को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने सात मई से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी थी। गाडरिया का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ।
हालांकि, अलग-अलग स्तरों पर करीब छह घंटे तक चलीं मैराथन बैठकों के बाद जिलाधिकारी ने सात मई को ही जिला स्वास्थ्य अधिकारी के सामने खेद जताया था। नतीजतन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस लेते हुए काम पर लौट आए थे।
गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,40,447 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,274 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
भाषा हर्ष अर्पणा
अर्पणा
अर्पणा

Facebook



