IBC24 CG Conclave में जोगी कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा- मैं सब कुछ दे सकत हवं लेकिन अपन अक्ल नहीं दे सकंव

IBC24 CG Conclave में जोगी कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा- मैं सब कुछ दे सकत हवं लेकिन अपन अक्ल नहीं दे सकंव

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  • Publish Date - March 18, 2019 / 12:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

रायपुर। IBC24 के कॉन्क्लेव छत्तीसगढ़ कल, आज और कल में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस के सुप्रीमो अजित जोगी ने अपनी बात रखी।तीसरी ताकत की वास्तविकता पर जोगी ने कहा कि 35 साल पहले से तीसरी शक्ति के लिए प्रयास किया गया लेकिन सभी का प्रयास सफल नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ में करीब 20 लोगों ने मिलकर तीसरी शक्ति बनाने की कवायद शुरू की, लेकिन इतने सालों के बाद सफलता सिर्फ हमारी पार्टी को मिली।

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जोगी ने कहा कि सिर्फ 2 साल पुरानी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखा दी, सीधे 7 सीट की जीत हासिल की। पार्टी चिन्ह भी समय पर नहीं मिलने के बावजूद हमने तीसरी पार्टी की शक्ति दिखा दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी क्षेत्रीयता हावी है और यही क्षेत्रीयता विकास का रास्ता है। पहली बार हम 20 हजार गांवों तक पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी की बात की जाए तो न कांग्रेस पार्टी और न बीजेपी पोलावरम में बन रहे बांध को रोक पाने में सफल है जबकि इसका नुकसान छत्तीसगढ़ को होगा। आगामी चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर जोगी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हमारे घोषणापत्र को शब्दशः कॉपी किया गया था। इसलिए हम घोषणापत्र पहले नहीं ला रहे। उन्होंने कोरबा से चुनाव लड़ने के बारे में कहा कि जब तक हमारी पार्टी की मीटिंग नहीं होगी इस बारे में कोई फ़ाइनल निर्णय नहीं लिया जायेगा। अमित ने अपनी बात रखी है और आप भी जानते हैं कि थोड़ी दांवपेच तो राजनीति में करनी ही पड़ती है।

नई सरकार से संतुष्टि के विषय में उन्होंने कहा कि तीन महीने में किसी भी पार्टी के बारे में बोलना गलत है क्योंकि हमने 6 महीने तक सरकार के खिलाफ कुछ न बोलने का प्रण लिया था। लेकिन चुनाव सर पर है तो बोलना जरुरी है। कर्ज माफी में असली कर्ज को नजरअंदाज किया गया है। सबसे खास बात तो ये कि सरकार ने महिलाओं से पूर्ण शराबबंदी की बात की थी, लेकिन ऐसा हुआ कुछ नहीं। जब जोगी से पूछा गया कि आपके हिसाब से किस तरह घोषणा पत्र को पूर्ण करना चाहिए तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि मैं खुले मंच में यह बात नहीं कह सकता। मैं सब कुछ दे सकत हवं लेकिन अक्ल नहीं दें सकंव।

उन्होंने कहा कि मुफ्त देने का रास्ता सही नहीं है। और अब ये परम्परा चल पड़ी है जिसे रोकने के लिए राजनीतिक दल को सजग होना जरुरी है। नागरिक को सक्ष्म और रोजगार दिलाने की जरूरत है। आने वाले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टी का भी भविष्य खतरे में हैं क्योकि हर राज्य में क्षेत्रीय दल ज्यादा बेहतर काम कर रही है। प्रधानमंत्री के तौर पर कौन बेहतर के जवाब में उन्होंने बड़े बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के सामने जनता, कांग्रेस के किसी भी व्यक्ति को नहीं स्वीकार पा रही है। लेकिन मैं मानता हूँ, क्योकि मैं बचपन से कांग्रेस के बीच रहा हू।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के हाथ सत्ता नहीं होनी चाहिए। क्योंकि भारत में समरसता को बनाए रखने के लिए जाति धर्म भाषा के नाम पर लड़ाई करवाने वाले मोदी और शाह को सत्ता से दूर करना चाहिए। भूपेश सरकार कि नरवा गरवा घुरवा बारी पंच लाइन पर उन्होंने कहा कोई नया शब्द नहीं है। ये गांव में पुरातन समय से चला आ रहा है और मुझे लगता है अब नई टेक्नोलॉजी को लाने की जरूरत है।

सुनिए IBC24 के कॉन्क्लेव में इन नेताओं ने क्या कहा