कडकनाथ प्रोजेक्ट में लाखों खर्च करने के बाद भी लगातार हो रही चूजे की मौत,विभाग भी दिख रहा लाचार

कडकनाथ प्रोजेक्ट में लाखों खर्च करने के बाद भी लगातार हो रही चूजे की मौत,विभाग भी दिख रहा लाचार

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  • Publish Date - February 17, 2019 / 11:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

बस्तर। दंतेवाडा में कडकनाथ पालन को बढावा देने और उसके प्रचार प्रसार के लिए जमकर खर्च किया जा रहा है । बीते साल मई महीने में कडकनाथ मुर्गा और मुर्गी की शादी भी कराकर जमकर फिजूलखर्ची की थी। लेकर कडकनाथ पालन को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते पांच दिनों में एक ही हितग्राही के दो सौ से ज्यादा चूजे मर गये। लगातार हो रही चूजों की मौत की वजह विभाग को अब तक पता नहीं है।

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दंतेवाडा में ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधारने की मंशा से कडकनाथ पालन प्रोजेक्ट की शुरूआत की गयी। इस प्रोजेक्ट के तहत हितग्राही को शेड बनाकर एक हजार चूजे तीन किश्तों में दिये जाते हैं। मडसे गांव में भी पीलूराम ने इसी योजना का लाभ लेना चाहा। उसे पशुधन विकास विभाग ने 333 चूजे पहले किश्त में दिये। 13 फरवरी को ये चूजे दिये गये थे। 13 फरवरी को ही उसके 50 से ज्यादा चूजे मर गये। इसके बाद से चूजों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। रविवार तक उसके दो सौ दस चूजे मर गये। इधर लगातार हो रही मौतो से हितग्राही भी हैरान और परेशान है। इधर पीलूराम ने इस बात की जानकारी विभाग को दे दी है। विभाग द्वारा दवाईयां तो उपलब्ध करा दी गयी लेकिन इसके बाद भी चूजों की मौत नहीं थम रही।

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इस विषय में पीलूराम कश्यप का कहना है कि कडकनाथ की लगातार मौतों का कारण विभाग भी पता नहीं कर सका है। विभाग द्वारा मरे हुए चूजों को रायपुर के लैब में भेजा गया जहां इनकी मौत के कारणों का पता लगाया जायेगा। विभाग के डाक्टरों का कहना है कि जितने चूजों की मौत हुई है उसके बदले में हितग्राही को नये चूजे दिये जायेंगे। वहीं मौत के कारणों के बारे में डाक्टर खुद को अंजान बता रहे हैं।