मुस्लिम शादी में पटाखे और डीजे बजने पर निकाह नहीं पढ़ेंगे काज़ी, मस्जिद कमेटी का बड़ा फैसला

मुस्लिम शादी में पटाखे और डीजे बजने पर निकाह नहीं पढ़ेंगे काज़ी, मस्जिद कमेटी का बड़ा फैसला

मुस्लिम शादी में पटाखे और डीजे बजने पर निकाह नहीं पढ़ेंगे काज़ी, मस्जिद कमेटी का बड़ा फैसला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: February 25, 2021 1:16 pm IST

भोपाल। मुस्लिम शादी में पटाखे और डीजे बजने पर निकाह नहीं पढ़े जाएंगे, शहर काजी और अन्य नायब काज़ी निकाह नहीं पढ़ाएंगे, यह बड़ा फैसला मस्जिद कमेटी ने लिया है। इसे मुस्लिम समाज में फैले गलत रीति रिवाजों को दूर करने की कवायद माना रहा है।

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बता दें कि इसके पहले शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद दमोह जिले की समस्त मस्जिदों में भी एक ख़ास ऐलान किया गया था जो शहर काज़ी द्वारा एक लिखित पत्र सभी मस्जिदों में नमाज़ के बाद पढ़ा गया, जिसमें साफ साफ कहा गया है कि शहर काज़ी सहित सभी हाफिजों ने ये निर्णय लिया कि मुस्लिम समाज में फैले गलत रीति रिवाजों को अब दूर किया जाये।

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शादियों में नाच गाना, डी जे और पटाखे जलाना जैसी गलत परंपराओं से मुस्लिम समाज को छुटकारा दिलाने के लिए बड़ा फैसला लेते हुए शहर काजी ने बताया कि आज के बाद से हम व हमारे शहर के इमाम उन शादियों में लड़के लड़कियों की शादियों में नहीं जायेंगे जहाँ डी जे बजेगा और डान्स होगा। साथ ना उनके निकाह हम लोग पढ़ायेंगे। ऐलान में आगे ये भी कहा गया है कि लड़का पक्ष और लड़की पक्ष दोनों से लिखित दस्तख़त लेने के बाद ही शादियों में निकाह पढ़ाने की सहमति दी जाएगी। अगर दोंनो पक्ष इस बात पर राजी होंगे कि हमारे यहाँ की शादी में कोई गैर इस्लामी काम नहीं होंगे तभी हम उनके यहाँ निकाह पढ़ाने जाएंगे। इस फैसले से मुस्लिम समाज में एक बड़ा सुधार आएगा ऐसा शहर काजी का और इमामों का मानना है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com