नगरीय चुनावों में हार से भाजपा के दिग्गज नेताओं की सियासी साख पर लगा बट्टा? समीक्षा में लगी पार्टी

नगरीय चुनावों में हार से भाजपा के दिग्गज नेताओं की सियासी साख पर लगा बट्टा? समीक्षा में लगी पार्टी

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  • Publish Date - December 25, 2019 / 12:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

बिलासपुर। नगर निगम हाँथ से निकलने के बाद बीजेपी जहां हार की समीक्षा में लगी है। वहीं परिणाम ने भाजपा के दिग्गज नेताओं की सियासी साख पर बट्टा लगा दिया है। भाजपा विधायकों के प्रभाव वाले क्षेत्रों से भी बीजेपी पिट गयी है। ग्रामीण मतदाताओं ने बीजेपी का साथ नहीं दिया है।

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दरअसल बिलासपुर निगम विस्तार में पांच विधानसभा क्षेत्र के 18 ग्राम पंचायतों को निगम में शामिल किया गया। जिसमें बेलतरा, मस्तूरी, बिल्हा में बीजेपी का और बिलासपुर, तखतपुर में कांग्रेस का प्रभाव था। बीजेपी के प्रभाव वाले क्षेत्रों में वहाँ के विधायक खुद मोर्चा सम्हाले हुए थे, जिसमें विधायक रजनीश सिंह बेलतरा, डॉ कृष्णमूर्ति बान्धी मस्तूरी और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशियों को लीड कर रहे थे।

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परिणाम सामने आया इसमें सभी फेल हो गए। इनके प्रभाव वाले क्षेत्रों से भी जनता ने बीजेपी का साथ नहीं दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी को जनता ने नकार दिया। जो आखिर में हार का कारण भी बना। हालांकि भाजपा परिणाम को नेताओं के सियासी साख से अलग देख रही है।

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भाजपा का मानना है, कम वोटिंग, अप्रत्यक्ष चुनाव और बैलेट से मतदान बीजेपी के हार का मुख्य कारण है। अप्रत्यक्ष चुनाव के कारण मतदाताओं ने मतदान में रुचि नहीं दिखाई और वोटिंग प्रतिशत कम गया, जिसका सीधा खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ा। यही नही बैलेट से मतदान ने भी बीजेपी के परिणामों को प्रभावित किया, जिसमें प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग किया गया।

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