अतिरिक्त महाधिवक्ता ने नान घोटाले के आरोपियों से जब्त पेनड्राइव की जांच कराने रखी अपनी दलील

अतिरिक्त महाधिवक्ता ने नान घोटाले के आरोपियों से जब्त पेनड्राइव की जांच कराने रखी अपनी दलील

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  • Publish Date - February 1, 2019 / 04:12 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

रायपुर। नान घोटाले में आरोपियों के जब्त किए गए पेनड्राइव की जांच कराने को लेकर अतिरिक्त महाधिवक्ता एससी वर्मा ने गुरूवार को कोर्ट में अपना पक्ष रखा। स्पेशल मजिस्ट्रेट लीना अग्रवाल की अदालत में दलील पेश करते हुए कहा कि न्यायहित में इसकी जांच कराया जाना जरूरी है। अदालत चाहे तो इसे एसआइटी को सौंप दे अथवा खुद इसकी सीएफएसएल लैब में जांच करवा सकती है।
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अदालत ने दलील सुनने के बाद एएजी का अनुरोध स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले में 4 फरवरी को अदालत अपना फैसला सुनाएगी । ज्ञात हो कि नान घोटाले की जांच के बाद ईओडब्ल्यू द्वारा ६ पेनड्राइव को कोर्ट में जमा कराया गया है। इसे नान घोटाले में शामिल आरोपी केके बारिक, गिरीश शर्मा के पास से जब्त किया गया था। इसकी जांच कराए जाने को लेकर एसआइटी की ओर से 11 जनवरी को आवेदन लगाया गया था। लेकिन, कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। दोबारा एएजी ने इसका आवेदन लगाया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया गया है साथ ही गवाहों को समंस जारी कर दिया गया है।

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ज्ञात हो कि नान घोटाले की सुनवाई के लिए 10 गवाहों का नाम तय कर लिया गया है। उन्हें उपस्थिति दर्ज कराने के लिए शीघ्र ही समंस जारी किया जाएगा। 11 से 15 फरवरी तक कार्यालीन दिवस में उनके बयान लिए जाएंगे। प्रत्येक दिन 2 गवाहों को अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि अब तक नान घोटाले में 78 गवाहों के बयान हो चुके है।