मशहूर साहित्यकार पद्मश्री योगेश प्रवीन का निधन

मशहूर साहित्यकार पद्मश्री योगेश प्रवीन का निधन

मशहूर साहित्यकार पद्मश्री योगेश प्रवीन का निधन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: April 12, 2021 2:25 pm IST

लखनऊ, 12 अप्रैल (भाषा) ‘लखनऊविद्’ के नाम से मशहूर साहित्यकार ‘पद्मश्री’ योगेश प्रवीन का सोमवार को निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगेश के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

योगेश के भाई कामेश श्रीवास्तव ने ‘भाषा’ को बताया कि योगेश को आज सुबह हल्का बुखार आया था जिसके बाद उन्होंने दवा ली थी। उन्हेांने कहा कि वह ठीक भी थे लेकिन तभी अपराह्न करीब दो बजे वह अचानक बेहोश हो गए।

उन्होंने बताया कि उन्हें निजी वाहन से बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया । कामेश ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को लखनऊ स्थित बैकुंठ धाम में किया जाएगा।

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यह पूछे जाने पर कि सरकारी एंबुलेंस आने में देर की वजह से योगेश का निधन हुआ, कामेश ने इसे गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने सरकारी एंबुलेंस को फोन किया था तो उसे महामारी के इस दौर के कारण आने में कुछ देर लग रही थी लिहाजा उन्होंने अपने वाहन से योगेश को अस्पताल ले जाने का फैसला किया और इसके लिए उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है।

उन्होंने बताया कि योगेश अविवाहित थे। उनके एक भाई और बहन है।

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगेश प्रवीण के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि योगेश को अवध, विशेष रूप से लखनऊ के इतिहास और संस्कृति की गहन जानकारी थी। उन्होंने कहा कि अपनी पुस्तकों और लेखों के माध्यम से उन्होंने जनता को इससे अवगत कराने का महत्वपूर्ण कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

योगेश प्रवीन को ‘लखनऊविद्’ कहा जाता था। लखनऊ और अवध पर अनेक किताबें लिख चुके प्रवीण कहानी उपन्यास नाटक और कविता समेत तमाम विधाओं में लिखने में पारंगत थे।

वह वर्ष 2002 में विद्यांत हिंदू डिग्री कॉलेज में प्रवक्ता पद से सेवानिवृत्त हुए थे अपने चार दशक के साहित्यिक सफर में प्रवीण ने पुस्तक लेखन के अलावा अनेक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में भी लेखन कार्य किया। अवध की संस्कृति और लखनऊ की तहसील पर आधारित उनकी 30 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।

भाषा सलीम रंजन

रंजन


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