मूलत: हिंदू हैं देश के आदिवासी, कुछ लोग फैला रहे भ्रम : संघ नेता

मूलत: हिंदू हैं देश के आदिवासी, कुछ लोग फैला रहे भ्रम : संघ नेता

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  • Publish Date - March 23, 2021 / 10:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 23 मार्च (भाषा) देश के आदिवासियों को मूलत: हिंदू धर्म का हिस्सा बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को कहा कि कुछ लोग इस विषय में भ्रम फैला रहे हैं।

संघ के मालवा प्रांत (इंदौर-उज्जैन संभाग) के प्रमुख प्रकाश शास्त्री ने इंदौर प्रेस क्लब में एक प्रश्न पर संवाददाताओं से कहा, ‘आदिवासी (मूलत:) हिंदू ही हैं। इस बात में किंतु-परंतु का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है।’

शास्त्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग देश के आदिवासियों के मूल धर्म को लेकर भ्रम फैला रहे हैं और इस भ्रम को दूर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘समाज के आम लोगों का भी दायित्व है कि वे इस भ्रम को दूर करें।’

संघ के वरिष्ठ नेता ने झारखंड से उठी इस मांग को सरासर नाजायज बताया कि देश की आगामी जनगणना के लिए आदिवासियों के लिए अलग धार्मिक कोड बनाया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि शास्त्री, संघ में जिस मालवा प्रांत का प्रतिनिधित्व करते हैं वहां बड़ी तादाद में जनजातीय आबादी रहती है।

संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बेंगलुरु में हाल ही में संपन्न बैठक में हिस्सा लेकर लौटे शास्त्री ने बताया कि यह संगठन आने वाले दिनों में सामाजिक समरसता, गांवों के विकास, पर्यावरण, हानिकारक रसायनों से खेतों की रक्षा और परिवारों को भारतीय संस्कारों व मूल्यों के प्रति जागरूक करने पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा।

भाषा हर्ष अर्पणा

अर्पणा