पिपली गैंग रेप और मर्डर केस को लेकर बीजेपी का विरोध प्रदर्शन,महिला और पुलिस के बीच झूमाझटकी

पिपली गैंग रेप और मर्डर केस को लेकर बीजेपी का विरोध प्रदर्शन,महिला और पुलिस के बीच झूमाझटकी

  •  
  • Publish Date - January 21, 2019 / 11:33 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

भुवनेश्वर।ओडिशा में साल 2011 में चार लड़कों द्वारा एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ दुष्कर्म की घटना और उसके बाद पीड़िता की मौत ने एक बार फिर आग पकड़ ली है। दरअसल आज पिपली गैंग रेप-एंड-मर्डर केस को लेकर हुए बीजेपी द्वारा न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। उस दौरान पुलिस और बीजेपी महिला विंग की कार्यकर्ताओं के बीच की बात को लेकर बेहद बुरी तरह से हाथापाई हुई।

ये भी पढ़ें –मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर की हालत बिगड़ी हुए हॉस्पिटल में एडमिट,कांग्रेस के सारे कार्यक्रम निरस्त

इस घटना को देखने के बाद अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि लगभग 6 साल बीत जाने के बाद भी लोगों के अंदर पीड़िता को न्याय दिलाने की मुहीम जारी है।
ज्ञात हो कि पुरी जिले में पिपली के अर्जुनगुडा गांव में 29 नवंबर को चार युवकों ने 19 वर्षीया दलित युवती के साथ दुष्कर्म किया जिसके बाद युवती कोमा में चली गयी। वह इस अवस्था से निकल नहीं सकी और अस्पताल में इलाज के दौरान 20 जून 2012 को उसकी मौत हो गयी थी।

<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a>: Scuffle breaks out between the police and BJP Women Wing workers in Bhubaneswar during a protest over Pipili gang rape-and-murder case. <a href=”https://twitter.com/hashtag/Odisha?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#Odisha</a> <a href=”https://t.co/1uDq3PfhWH”>pic.twitter.com/1uDq3PfhWH</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1087297479148793856?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 21, 2019</a></blockquote>
<script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

राज्य सरकार ने जनवरी 2012 में इस घटना के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिए और आयोग को तीन माह के अंदर रिपोर्ट सबमिट करने को कहा गया। आयोग को कम से कम 100 हलफनामे मिले ओर इसने 11 अन्य को नोटिस जारी किया जिसमें पिपली के बीजद विधायक और राज्य कृषि मंत्री प्रदीप महारथी भी शामिल हैं। इन्हें आयोग के इनक्वायरी एक्ट के सेक्शन 8- B के तहत लिया गया था।