योगी सरकार का बड़ा फैसला, सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा छेड़खानी, यौन उत्पीड़न के आरोपियों का पोस्टर
योगी सरकार का बड़ा फैसला, सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा छेड़खानी, यौन उत्पीड़न के आरोपियों का पोस्टर
लखनऊ: महिलाओं और लड़कियों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार उनके साथ छेड़खानी, यौन उत्पीड़न तथा ऐसे ही अन्य अपराधों में शामिल लोगों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगवायेगी।
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राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों की तस्वीरों वाले पोस्टर राज्य के प्रमुख चौराहों पर लगवाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही उन्होंने ऐसे अपराधियों को महिला पुलिसकर्मियों के हाथों सजा दिलवाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि इस कदम का मकसद मनचलों तथा महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने वाले लोगों के जहन में कानून का डर बैठाना है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि अगर किसी इलाके में किसी महिला के प्रति अपराध होता है तो सम्बन्धित पुलिस क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष, चौकी प्रभारी और बीट प्रभारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने बताया कि लड़कियों और महिलाओं में सुरक्षा और विश्वास की भावना भरने के लिये राज्य के सभी जिलों में गठित ‘एंटी रोमियो दलों’ को और सक्रिय किया गया है।
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गौरतलब है कि राज्य सरकार ने दिसम्बर, 2019 में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोपियों के फोटो लगे पोस्टर शहर के प्रमुख चौराहों पर लगवाये थे। इसे लेकर खासा विवाद हुआ था। इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बृहस्पतिवार को गृह एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के दौरान एण्टी रोमियो दल द्वारा की जा रही कार्यवाही की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रयागराज, आगरा, बरेली, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, वाराणसी तथा गोरखपुर मण्डल एवं लखनऊ तथा गौतमबुद्धनगर के पुलिस आयुक्तों द्वारा इस दिशा में किये गये प्रयासों की मण्डलवार समीक्षा की गयी। बैठक में यह भी बताया गया कि प्रदेश भर में स्कूलों, कॉलेजों, बाजारों, चौराहों, मॉल, पार्क जैसे सार्वजनिक स्थलों पर अब तक 83 लाख से अधिक व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखकर उनमें 7,351 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 35 लाख से अधिक लोगों को चेतावनी देकर छोड़ा गया।

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