बलरामपुर। राज्य में अन्य विभागों के साथ ही शिक्षा विभाग में भी थोक में तबादलों किए जा रहे हैं। यहां कुछ जगहों पर बिना जानकारी के ही शिक्षकों का तबादला कर दिया जा रहा है।
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बलरामपुर जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है और ये मामला शिक्षा मंत्री प्रेमसाय के विधानसभा क्षेत्र ग्राम पंचायत विरेन्द्रनगर का है। माध्यमिक स्कूल में बच्चों की संख्या 82 है और यहां एक शिक्षक की पदस्थापना थी। यहां पोस्टेड शिक्षिका का तबादला तो कर दिया गया, लेकिन किसी को यहां भेजा नहीं गया।
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अलम यह है की अब ये स्कूल शिक्षकविहीन हो गया है और शिक्षामंत्री जहां लाख दावे कर रहे थे स्कूलों को सुधारने की अब उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र में स्कूल शिक्षकविहीन हो गया है। स्कूल की ये दशा और बच्चों के भविष्य को अधर में लटकता देखकर यहां के ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं और ऐसी तबादला नीति पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो शिक्षक नहीं रहने के कारण स्कूल में ताला लगने जैसा हाल हो गया है। वहीं 82 बच्चों का भविष्य अब पूरी तरह अधर में लटक गया है।
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ग्रामीणों की मानें तो अगर सरकार ने यहां से शिक्षक का तबादला किया था तो दूसरे शिक्षक को यहां भेज देना चाहिए था। वहीं मामले में ब्लॉक खण्ड शिक्षा अधिकारी की मानें तो उस स्कूल में पहले से ही शिक्षकों की कमी थी और तबादला नीति से परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने बताया की स्कूल में जिस शिक्षिका की पोस्टिंग थी उसने तबादला होने के बाद बिना रिलीव हुए ही स्कूल छोड़ दिया है और अब दूसरे स्कूल के शिक्षकों को किसी तरह भेजकर स्कूल को चालू रखने का प्रयास किया जा रहा है।
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