महीने भर में 5 बाघों समेत तेंदुए की मौत से हड़कंप, शिकारियों की सक्रियता टाइगर रिजर्व के लिए खतरे की घंटी?

महीने भर में 5 बाघों समेत तेंदुए की मौत से हड़कंप, शिकारियों की सक्रियता टाइगर रिजर्व के लिए खतरे की घंटी?

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  • Publish Date - November 17, 2020 / 03:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

उमरिया। बाघों की सघनता के लिए दुनिया भर में मशहूर बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बाघ शिकारियों के निशाने पर हैं, माह भर के अंदर पांच बाघों सहित तेंदुए के शिकार से विभाग में खलबली मच गई है, वन्य जीव प्रेमी इस प्रकार की घटनाओं को खतरे की घंटी बताया है। वर्ष 2018 में बाघों की गणना के नतीजों के बाद बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व पूरे प्रदेश में 124 बाघों की सर्वश्रेष्ठ मौजूदगी वाला टाइगर रिजर्व बन गया था।

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बीते एक माह में पांच बाघों की मौत के बाद इस बात की आशंका है कि पार्क के वन्य जीव शिकारियों के निशाने पर आ गए हैं। टाइगर रिजर्व में एक माह के भीतर पांच बाघों और एक तेंदुआ शिकारियों की भेंट चढ़ चुके हैं, जिसमे से तीन बाघों की मौत के कारणों का प्रबंधन द्वारा अभी तक खुलासा नहीं किया गया है और दो बाघों सहित तेंदुए के शिकार मामले में वन विभाग ने शिकारियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है।

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टाइगर रिजर्व के खितौली परिक्षेत्र में 25 सितंबर को एक बाघ की मौत, 18 अक्टूबर को धमोखर बफर जोन में मशहूर टी 42 सोलो बाघिन एवं उसके शावक की मौत के बाद पार्क की सीमा से लगे दक्षिण एवं उत्तर शहडोल वन मंडल में 05 नवंबर एवं 15 नवंबर को दो बाघों का शिकार हो चुका है। वहीं पाली परिक्षेत्र में 07 नवम्बर को तेंदुए का शिकार किया गया। शिकार की बढ़ रही घटनाओं को लेकर वन्य जीव प्रेमियों ने इसे खतरे की घंटी बताते हुए पार्क के आसपास शिकारियों के संगठित गिरोह के सक्रिय होने की बात कही है।

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टाइगर रिजर्व में शिकारियों द्वारा जंगलों से गुजरने वाली नंगी बिजली की तारों में करंट लगाकर आसानी से वन्य जीवों का शिकार किया जा रहा है, जिससे निपटने पार्क प्रबंधन ने बिजली तारों को इन्शुलेट करने का प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा है लेकिन वन्य जीव एक्टिविस्ट शिकार के बढ़ते मामलों में पार्क एवं वन विभाग के अधिकारियों को ही दोषी बता रहे हैं और उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उनका दावा है कि पार्क के कोर एवं बफर इलाके में लोगों के साथ साझे संवाद की जरूरत है।

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टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में बाँधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में बाघों का घनत्व भी सबसे ज्यादा है और संख्या भी लिहाजा सरंक्षण की जवाबदारी भी पार्क प्रबंधन की ज्यादा है, लेकिन पार्क के सीमावर्ती इलाकों में मौजूद वन्य जीवों की गश्ती में लापरवाही शिकारियों का मनोबल बढ़ा रही है और सीता बाघिन के शिकार के बाद बाँधवगढ़ से अपना अस्तित्व खत्म कर चुके शिकारी गिरोह फिर से पनप रहे हैं जो आने वाले समय मे पार्क के बाघों के लिए बढ़ा खतरा साबित होंगे।