रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है, सुबह से ही सदन में गहमागहमी चल रही है। विधानसभा की कार्यवाही में आज सदन में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा गूंजा। विपक्ष ने आत्महत्या मामले में सरकार पर आरोप लगाया, बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल और नारायण चंदेल ने मृतक किसानों के परिजनों को 25-25 लाख मुआवजा की मांग करते हुए हंगामा किया। वहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विपक्ष पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया।
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इस दौरान भाजपा सदस्य नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंचे, सदन में हंगामा जिसके बाद सदन ने गर्भगृह में नारेबाजी करने वाले भाजपा और जेसीसीजे के सदस्य निलंबित कर दिए गए। निलंबित सदस्य गर्भगृह में बैठ कर नारेबाजी करते रहे। जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। निलंबित होने बाद भाजपा सदस्य विधानसभा परिसर में ग़ांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए।
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विपक्ष के आरोपों पर मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि किसानों से किए सभी वादे भूपेश सरकार ने पूरे किए हैं किसानों के मुद्दों पर चर्चा से विपक्ष भाग रहा है। संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि प्रतिपक्ष की ऐसी दयनीय हालत नहीं देखी, छत्तीसगढ़ के किसानों से जुड़े मुद्दे को लेकर विपक्ष के स्थगन पर हमने हामी भरी
लेकिन जब नाम पुकारा गया तब विपक्ष चर्चा से भागता रहा। उन्होंने कहा कि रमन सरकार में कितने किसानों को मुआवज़ा दिया गया, 15 सालों तक किसानों को धोखा देने वाले लोग सदन में चर्चा से भागते हैं।
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वहीं कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के काम की हर तरफ़ तारीफ़ हो रही है। बीजेपी को यह पच नहीं रहा है, 15 सालों तक बीजेपी सरकार के दौरान भारी तादाद में किसानों ने आत्महत्या की लेकिन कभी किसानों के परिजनों को उचित मुआवज़ा नहीं दिया।
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