शिक्षाकर्मियों का अनोखा प्रर्दशन, मुंडन करवा पीएम और संघ प्रमुख को भेजे बाल

शिक्षाकर्मियों का अनोखा प्रर्दशन, मुंडन करवा पीएम और संघ प्रमुख को भेजे बाल

शिक्षाकर्मियों का अनोखा प्रर्दशन, मुंडन करवा पीएम और संघ प्रमुख को भेजे बाल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: January 14, 2018 7:21 am IST

शनिवार को जम्बूरी मैदान से हटाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी अध्यापकों ने आंदोलन को और बड़ा करने का ऐलान किया है। नाराज अध्यापकों ने शिवराज सरकार को चेतावनी दी है कि अब प्रदेश की जनता को शिवराज सरकार के खिलाफ वोट करने को लेकर जागरुक किया जाएगा। आजाद अध्यापक मोर्चे की प्रमुख शिल्पी दीवान ने कहा कि सरकार के विरोध में अध्यापकों का आंदोलन अब गांव-गांव, शहर-शहर तक पहुंचेगा। वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर शनिवार को जम्बूरी मैदान में मुंडन कराने वाली महिला अध्यापकों ने अपने कटे हुए बाल पीएम मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत को कोरियर करने का ऐलान किया है।

बीजेपी के लोग मेरे हाथ तोड़ना चाहते है, यही इनकी संस्कृति – सिंधिया 

बता दें कि सुबह से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारी अध्यापकों को देर शाम पुलिस ने जम्बूरी मैदान पहुंचकर हटाया। दरअसल प्रदेश के अध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है, संविलियन और सातवें वेतनमान समेत कई मांगों को लेकर प्रदेश भर के अध्यापक जम्बूरी मैदान में सामूहिक मुंडन के लिए जुटे, यहां महिला अध्यापकों ने भी मुंडन कराया, हालांकि देर शाम धरने में बैठी एक महिला अध्यापक समेत 2 अध्यापकों की तबीयत भी बिगड़ गई, दोनों को अस्पताल भेजना पड़ा। 

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कटे बालों पर राजनीति शुरू

मध्यप्रदेश के शिक्षाकर्मियों ने जैसे ही मुंडन करवाकर अपनी संविलयन की मांग को तेज किया वैसे ही प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया शिक्षाकर्मियों के कटे बाल और मुंडे सिर के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। मध्यप्रदेश से कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज पर शास्त्रगत हमला बोला, सिंधिया ने अपने ट्वीटर फोटो पोस्ट करते हुए लिखा…

देखें – 

सिंधिया ने शास्त्रों का हवाला देते हुए शिवराज पर निशाना साधा, उन्होंने लिखा जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते है। वहीं दूसरी ओर शिवराज सिंह चैहान के राज में महिला शिक्षकों को अपनी मांग पूरी नहीं करने के विरोध में मुंडन करना पड़ता है। इससे साफ जाहिर की मध्यप्रदेश सरकार को अब दो चुनौतियों से निपटना पढ़ेगे पहली तो शिक्षाकर्मी जिन्होंने सरकार के विरोध में वोट मांगने की चेतावनी दे दी है और दूसरी कांग्रेस क्योंकि आने वाले समय में सरकार को प्रदेश का बजट भी पेश करना है तो बजट सत्र में इस मुद्दे को भुनाने की भरपूर कोशिश कांग्रेस करने वाली है। वहीं दूसरी ओर इस बात के भी कयास लगाए जा रहे है कि इस बजट सत्र में सरकार शिक्षाकर्मियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर सकती है। 

 

वेब डेस्क, IBC24


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