BSE Share Price: Jane Street पर कार्रवाई का असर, 13% टूट गए शेयर, ब्रोकरेज फर्मों का ये है रुझान

BSE Share Price: Jane Street पर कार्रवाई का असर, 13% टूट गए शेयर, ब्रोकरेज फर्मों का ये है रुझान

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  • Publish Date - July 8, 2025 / 03:03 PM IST,
    Updated On - July 8, 2025 / 03:03 PM IST

(BSE Share Price, Image Credit: Meta AI)

HIGHLIGHTS
  • BSE का शेयर एक दिन में 7.5% तक गिरा, ₹2,395 का लो छुआ।
  • Jefferies को इस कार्रवाई का BSE पर सीमित असर दिख रहा है।
  • BSE के शेयर ने 11 महीने में 330% से ज्यादा रिटर्न दिया है।

BSE Share Price: एशिया के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज BSE के शेयरों पर आज भारी बिकवाली के चलते जोरदार गिरावट देखने को मिला। आज इसके शेयर दिन के कारोबार के दौरान 7.5% से अधिक लुढ़क गए। इस गिरावट की बड़ी वजह बनी है अमेरिका की प्रमुख ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर भारतीय बाजार नियामक सेबी (SEBI) की सख्त कार्रवाई को माना जा रहा है।

Jane Street पर कार्रवाई का असर

SEBI ने भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट में Jane Street को ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है और उन पर जुर्माना भी लगाया है। इसका सीधा प्रभाव BSE के शेयरों पर पड़ा, जो आज इंट्रा-डे में गिरकर 2,395 रुपये तक पहुंच गए थे। हालांकि लो लेवल से थोड़ी रिकवरी देखने को मिली, किंतु इसके बावजूद शेयर आज के कारोबार में 6.55% लुढ़ककर 2,463.60 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

ब्रोकरेज फर्मों ने क्या कहा?

जहां एक ओर बाजार में भय का माहौल है, वहीं Jefferies ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि Jane Street पर सेबी की कार्रवाई का प्रभाव BSE के ट्रेडिंग पर सीमित रहेगा। उनके मुताबिक वित्त वर्ष 2026 में डेरिवेटिव सेगमेंट BSE के कुल राजस्व का लगभग 58% योगदान दे सकता है। इस सेगमेंट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की हिस्सेदारी 3-4% के बीच रह सकती है, जिसमें Jane Street की हिस्सेदारी सिर्फ 1% के आस-पास है।

वहीं, दूसरी ओर घरेलू ब्रोकरेज हाउस ICICI Securities का मानना है कि नियामकीय चुनौतियों के चलते BSE के शेयरों पर दबाव रह सकता है। उनके अनुसार, डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी डेट में बदलाव, वॉल्यूम में गिरावट और ऊंचे वैल्यूएशन के कारण निवेशकों को जोखिम पर नजर बनाए रखनी चाहिए। ICICI की रिपोर्ट के अनुसार, जून महीने में BSE का औसत डेली टर्नओवर 12.4% लुढ़ककर 13,900 करोड़ रुपये हो गया है। लेकिन ब्रोकरेज यह भी मानते हैं कि लॉन्ग टर्म के लिहाज से BSE का फंडामेंटल में मजबूती कायम है और मौजूदा वैल्यूएशन से आगे अच्छी ग्रोथ की संभावना नजर आ रही है।

शेयर ने एक साल में दमदार रिटर्न दिया

BSE के शेयरों ने बीते 11 महीनों में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। 23 जुलाई 2024 को इसका शेयर 705 रुपये पर था, जो साल का लो लेवल था। इसके बाद शेयर ने तेजी की रफ्तार पकड़ी और 10 जून 2025 को 3,030 रुपये तक पहुंच गया, जो इसका अब तक का रिकॉर्ड हाई है। यानी महज 11 महीने में इसने करीब 330% की छलांग लगाई और निवेशकों का पैसा 4 गुना बना दिया। गौरतलब है कि BSE ने अपना आईपीओ 806 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर लॉन्च किया था और 3 फरवरी 2017 को इसकी लिस्टिंग डेब्यू NSE पर हुआ था।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

BSE के शेयर में आज कितनी गिरावट दर्ज की गई?

आज BSE का शेयर इंट्रा-डे में 7.53% गिरकर ₹2,395 तक पहुंच गया, और अंत में 6.55% की गिरावट के साथ ₹2,463.60 पर बंद हुआ।

BSE के शेयरों में गिरावट की वजह क्या है?

अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर सेबी की कार्रवाई और ट्रेडिंग बैन के चलते निवेशकों में घबराहट फैली, जिससे बिकवाली बढ़ी।

क्या Jane Street की हिस्सेदारी BSE के रेवेन्यू में बड़ी थी?

नहीं, Jefferies के अनुसार Jane Street की हिस्सेदारी डेरिवेटिव वॉल्यूम में महज 1% के आस-पास थी।

ब्रोकरेज फर्मों की क्या राय है?

Jefferies को असर सीमित लग रहा है, जबकि ICICI Securities ने वॉल्यूम गिरावट, वैल्यूएशन और एक्सपायरी बदलाव को लेकर चिंता जताई है।