(Stock Mareket Today, Image Credit: IBC24 News Customize)
Stock Market Today: आज भारतीय बाजारों के लिए कमजोर वैश्विक संकेत मिल रहे हैं। विदेशी निवेशकों (FIIs) ने कैश और वायदा दोनों सेगमेंट में बिकवाली की है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है। लॉन्ग-शॉर्ट रेशियों गिरकर एक बार फिर 8% पर आ गया है, जो ट्रेडर्स की कमजोर धारणा को दर्शाता है। गिफ्ट निफ्टी में गिरावट के संकेत दिख रहे हैं। वहीं, एशियाई बाजारों में भी नरमी का रूख देखने को मिला है।
मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है। डाओ जोंस 250 अंक और नैस्डैक 175 अंक टूटकर बंद हुआ। बड़ी टेक कंपनियों पर बिकवाली हावी रही – Nvidia में 2.1%, Amazon में 1.9% और Alphabet में 1.8% की गिरावट दर्ज की गई। ट्रेजरी यील्ड 4.26% तक चढ़ने से भी बाजार पर दबाव बढ़ा। यूरोप में भी कमजोर संकेत मिले। STOXX 600 इंडेक्स 1.47% लुढ़ककर बंद हुआ। खासकर रियल एस्टेट सेक्टर में 3.5% की गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक कर्ज संकट को लेकर चिंताओं ने निवेशकों की धारणा को भी प्रभावित किया।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड के मुताबिक, एफएंडओ एक्सपायरी और जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले बाजार में सतर्कता देखने को मिली है। बैंकिंग स्टॉक्स में सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला, जबकि इथेनॉल मानदंडों में बदलाव से चीनी स्टॉक्स में तेजी आई है। अमेरिका की नरम टिप्पणियों का फायदा एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड कंपनियों को मिला।
एलकेपी सिक्योरिटीज के विश्लेषक रुपक डे के अनुसार, निफ्टी 21EMA पर रेजिस्टेंस के चलते नीचे आ गया। जब तक निफ्टी 24,850 के लेवल को पार नहीं करता, तब तक बाजार में बिकवाली का माहौल बने रहने की संभावना है। नीचे की ओर सपोर्ट 24,500 के स्तर पर है।
इस महीने टाटा कैपिटल अपना IPO ला सकती है, जो 2025 का सबसे बड़ा इश्यू हो सकता है। कंपनी करीब 18 अरब डॉलर की वैल्यूएशन की उम्मीद जता रही है। इसके लिए रोड शो का दौर जारी है।
आज से शुरु हुई जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक में बड़े रिफॉर्म पर चर्चा होगी। सरकार 5% और 18% के दो टैक्स स्लैब रखने का प्रस्ताव रख सकती है, जिससे ऑटो, इंश्योरेंस और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।