(Stock Market Today 1 December/ Image Credit: IBC24 News Customize)
नई दिल्ली: Stock Market Today 1 December: वैश्विक संकेतों के मिश्रित माहौल और दूसरी तिमाही में अनुमान से बेहतर जीडीपी ग्रोथ के बाद सोमवार, 1 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार सेंसेक्स और निफ्टी 50 की शुरुआत बढ़त के साथ होने की उम्मीद है। अमेरिकी फेड की संभावित रेट-कट उम्मीदों के बीच एशियाई बाजारों में हलचल रही, जबकि अमेरिकी मार्केट बीते हफ्ते बढ़त पर बंद हुए थे।
इस सप्ताह ट्रेडरों का फोकस आरबीआई की मौद्रिक नीति, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की प्रगति, रूस-यूक्रेन वार्ता, ऑटो सेल्स डेटा, एफआईआई निवेश प्रवाह, सोना-चांदी की कीमतों और कई महत्वपूर्ण घरेलू व वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर रहेगा।
शुक्रवार के आखिरी सत्र में हल्की गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 13.71 अंक टूटकर 85,706 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 12.60 अंक की मामूली कमजोरी के साथ 26,202.95 पर टिक गया।
सोमवार सुबह एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुझान देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 1.3% गिर गया और टॉपिक्स 0.72% नीचे रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.66% फिसला, जबकि कोस्डैक ने 1.29% की बढ़त दर्ज की। हांगकांग के हैंग सेंग फ्यूचर्स ने सकारात्मक ओपनिंग का संकेत दिया।
गिफ्ट निफ्टी लगभग 26,510 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था, जो निफ्टी फ्यूचर्स के पिछले बंद से करीब 123 अंकों ऊपर है। यह भारतीय बाजार के लिए गैप-अप ओपनिंग की मजबूत संभावना दर्शाता है।
थैंक्सगिविंग के बाद अमेरिकी बाजार हल्के वॉल्यूम में भी मजबूती के साथ बंद हुए। डॉऊ 0.61%, एसएंडपी 500 0.54% और नैस्डैक 0.65% चढ़ा। सप्ताह भर में एसएंडपी 3.73%, नैस्डैक 4.91% और डॉऊ 3.18% ऊपर रहे। इसी बीच भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर जल्द प्रगति की उम्मीद जताई गई है।
भारत की जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2% रही, जो छह तिमाही का उच्च स्तर है। वहीं, राजकोषीय घाटा बढ़कर 8.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। ओपेक द्वारा 2026 की पहली तिमाही तक उत्पादन स्तर को स्थिर रखने के फैसले से कच्चे तेल में बढ़त देखी गई। ब्रेंट 0.95% बढ़कर 62.97 डॉलर और WTI 0.96% उछलकर 59.12 डॉलर हो गया। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 99.42 पर फिसला, जबकि येन, यूरो और पाउंड में मामूली मजबूती देखी गई।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।