#SwarnaSharda2023: मन में मजबूत इरादे हों और कुछ करने की ठोस इच्छाशक्ति तो तय मानिये कि सफलता आपके दामन में आएगी ही। इन बातों को साबित करके दिखाया है कवर्धा जिले के एक सामान्य किसान की बेटी मांडवी चंद्राकर ने। प्रदेश के कवर्धा जिले के पंडरिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाले एक छोटे से गांव किशनगढ़ की रहने वाली है माण्डवी चंद्राकर। प्रदेश की सरकार ने स्कूल शिक्षा में क्रांति का आगाज़ करते हुए जब स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल की स्थापना की थी तभी यह स्पष्ट हो गया था कि ये स्कूल राज्य की प्रतिभाओं को गढ़ने में महती भूमिका अदा करने वाले हैं।
#SwarnaSharda2023: पंडरिया के इसी स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी स्कूल ने माण्डवी चंद्राकर के हौसलों को उड़ान देने का काम किया और माण्डवी ने छत्तीसगढ़ बोर्ड द्वारा आयोजित बारहवीं की परीक्षा में पूरे जिले 91 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। माण्डवी के पिता श्री थानेश्वर चंद्राकर एक साधारण किसान हैं और केवल कृषि कार्य के बुते वे अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। बहुत अच्छी आर्थिक स्थिति ना होने के बावजूद एक किसान पिता ने अपनी प्रतिभाशाली बेटी को पढाई के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया।
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#SwarnaSharda2023: माण्डवी के परिवार में उसके माता पिता के अलावा एक बड़ा भाई और एक छोटा भाई भी है। उनके किसान पिता शिक्षा के महत्व को समझते हुए अपनी तीनों संतानों को बेहतर शिक्षा देना चाहते हैं। माण्डवी के पिता अपनी बेटी की सफलता पर अभिभूत हैं। माण्डवी को पढाई के अलावा डांस और खेलों में भी बहुत रूचि है उसने शालेय स्तर पर खो-खो और कैरम में भी कई पुरस्कार जीते हैं। इसके साथ ही माण्डवी अपने स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती है और डांस प्रतियोगिता में तो वह हर बार जीत हासिल करती है। जिले में प्रथम आने और स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप मिलने पर मांडवी और उसका पूरा परिवार प्रसन्न है।
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