AI गर्लफ्रेंड्स पर बढ़ता क्रेज खतरनाक! Perplexity के CEO बोले – ‘टेक्नोलॉजी की ये लत इंसानों को कर रही है इमोशनली कमजोर’

दुनियाभर में AI गर्लफ्रेंड और वर्चुअल पार्टनर ऐप्स का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने इसे खतरनाक बताया है। उनका कहना है कि ऐसी एआई ऐप्स इंसानों को वास्तविक रिश्तों से दूर कर सकती हैं और मानसिक रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

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  • Publish Date - November 11, 2025 / 03:33 PM IST,
    Updated On - November 11, 2025 / 03:43 PM IST

(AI Girlfriend, Image Credit: Meta AI)

HIGHLIGHTS
  • AI गर्लफ्रेंड और वर्चुअल पार्टनर ऐप्स का चलन तेजी से बढ़ा।
  • CEO अरविंद श्रीनिवास ने इन्हें मानसिक और सामाजिक खतरे के रूप में बताया।
  • एआई बातचीत याद रखकर असली रिश्तों की जगह ले सकता है।

AI Girlfriend: हाल के वर्षों में AI गर्लफ्रेंड और वर्चुअल पार्टनर ऐप्स काफी लोकप्रिय हो गए हैं। लोग इन्हें साथी की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने इस बढ़ती प्रवृत्ति को खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐप्स इंसानों के असली रिश्तों की जगह ले सकते हैं और मानसिक तनाव बढ़ा सकते हैं।

AI कैसे बदल रहा है बातचीत का तरीका

श्रीनिवास ने हाल ही में शिकागो विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बताया कि अब के एआई सिस्टम इतने एडवांस हो गए हैं कि वे लोगों की बातें याद रखते हैं और इंसानों जैसी प्रतिक्रिया देते हैं। इस वजह से लोग असली जीवन के रिश्तों की तुलना में इन वर्चुअल कनेक्शनों में अधिक समय बिताने लगते हैं।

असली जिंदगी क्यों लग रही बोर

CEO ने चेताया कि कई लोग असली जिंदगी को बोरिंग मानते हुए घंटों-घंटों एआई पार्टनर्स के साथ समय बिताते हैं। इससे मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है और लोग एक अलग हकीकत में जीने लगते हैं। डीप वर्चुअल कनेक्शन से दिमाग पर भी हेरफेर होने का खतरा रहता है।

आंकड़े बताते हैं गंभीरता

कॉमन सेंसर मीडिया की एक स्टडी में पता चला कि लगभग 72 प्रतिशत टीनएजर्स ने कम से कम एक बार AI गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड ऐप्स का इस्तेमाल किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी निर्भरता से मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है और लोग असली रिश्तों के बजाय बॉट्स पर अधिक भरोसा करने लगते हैं।

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AI गर्लफ्रेंड ऐप्स क्या हैं?

AI गर्लफ्रेंड ऐप्स वर्चुअल पार्टनर हैं, जो बातचीत कर सकते हैं, याद रखते हैं और इंसानों जैसी प्रतिक्रिया देते हैं।

अरविंद श्रीनिवास ने इन ऐप्स के बारे में क्या कहा?

Perplexity के CEO ने कहा कि यह बढ़ता चलन खतरनाक है, क्योंकि यह असली रिश्तों की जगह ले सकता है और मानसिक तनाव पैदा कर सकता है।

ये ऐप्स लोगों के लिए क्यों खतरनाक हैं?

AI पार्टनर वास्तविक जीवन के रिश्तों की तुलना में अधिक आकर्षक लग सकते हैं, जिससे लोग असली जीवन से कट सकते हैं और मानसिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।

कितने टीनएजर्स ने इन ऐप्स का इस्तेमाल किया है?

एक स्टडी के अनुसार लगभग 72% टीनएजर्स ने कम से कम एक बार AI गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड ऐप्स का उपयोग किया है।