(AI Girlfriend, Image Credit: Meta AI)
AI Girlfriend: हाल के वर्षों में AI गर्लफ्रेंड और वर्चुअल पार्टनर ऐप्स काफी लोकप्रिय हो गए हैं। लोग इन्हें साथी की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने इस बढ़ती प्रवृत्ति को खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐप्स इंसानों के असली रिश्तों की जगह ले सकते हैं और मानसिक तनाव बढ़ा सकते हैं।
श्रीनिवास ने हाल ही में शिकागो विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बताया कि अब के एआई सिस्टम इतने एडवांस हो गए हैं कि वे लोगों की बातें याद रखते हैं और इंसानों जैसी प्रतिक्रिया देते हैं। इस वजह से लोग असली जीवन के रिश्तों की तुलना में इन वर्चुअल कनेक्शनों में अधिक समय बिताने लगते हैं।
CEO ने चेताया कि कई लोग असली जिंदगी को बोरिंग मानते हुए घंटों-घंटों एआई पार्टनर्स के साथ समय बिताते हैं। इससे मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है और लोग एक अलग हकीकत में जीने लगते हैं। डीप वर्चुअल कनेक्शन से दिमाग पर भी हेरफेर होने का खतरा रहता है।
कॉमन सेंसर मीडिया की एक स्टडी में पता चला कि लगभग 72 प्रतिशत टीनएजर्स ने कम से कम एक बार AI गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड ऐप्स का इस्तेमाल किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी निर्भरता से मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है और लोग असली रिश्तों के बजाय बॉट्स पर अधिक भरोसा करने लगते हैं।