Bilaspur News: फर्जी हस्ताक्षरों और ब्लैंक चेक के खेल में फंसे कांग्रेस विधायक, हाईकोर्ट से जताई थी आस, पर हाईकोर्ट ने भी मुंह मोड़ा, क्या आपको पता है पूरा मामला?

छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचाने वाले 42 लाख रुपए के धोखाधड़ी मामले में जैजैपुर से कांग्रेस विधायक बालेश्वर साहू को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है।

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  • Publish Date - November 5, 2025 / 02:00 PM IST,
    Updated On - November 5, 2025 / 02:32 PM IST

Bilaspur News/ image source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • जैजैपुर विधायक बालेश्वर साहू को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली।
  • विधायक पर किसान क्रेडिट कार्ड लोन धोखाधड़ी का गंभीर आरोप।
  • हाई कोर्ट ने एफआईआर निरस्तीकरण याचिका खारिज की।

Bilaspur News: रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचाने वाले 42 लाख रुपए के धोखाधड़ी मामले में जैजैपुर से कांग्रेस विधायक बालेश्वर साहू को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एन. के. चंद की डिवीजन बेंच में बुधवार को इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने विधायक की एफआईआर निरस्तीकरण याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट कहा कि उन्हें जांच में सहयोग करना होगा, वहीं शासन को जल्द से जल्द चालान पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

एफआईआर निरस्तीकरण की मांग पर कोर्ट का सख्त रुख

Bilaspur News: विधायक बालेश्वर साहू की ओर से दायर याचिका में मांग की गई थी कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाए, क्योंकि यह राजनैतिक द्वेषवश की गई है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि मामला प्रथम दृष्टया गंभीर आर्थिक अपराध से जुड़ा है, और इसकी जांच जरूरी है। अदालत ने कहा कि विधायक को जांच में पूरी तरह सहयोग करना होगा, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके।

क्या है पूरा मामला, कैसे हुआ 42 लाख का फर्जीवाड़ा

Bilaspur News: मामले की शुरुआत फरसवानी निवासी राजकुमार शर्मा की शिकायत से हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वर्ष 2015 से 2020 के बीच जब बालेश्वर साहू बम्हनीडीह सेवा सहकारी समिति में प्रबंधक पद पर थे, तब उन्होंने और उनके साथी गौतम राठौर ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के नाम पर धोखाधड़ी की।

राजकुमार शर्मा के मुताबिक, बालेश्वर साहू ने उन्हें 50 एकड़ जमीन के नाम पर KCC लोन लेने की सलाह दी और एचडीएफसी बैंक चांपा में खाता खुलवाने को कहा। इसी दौरान, उन्होंने और उनके सहयोगी ने ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर करवाकर किसान के खाते से ₹24 लाख की राशि अपने और अपने परिजनों के खातों में ट्रांसफर कर ली।

फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा निशान से की गई निकासी

इतना ही नहीं, जांच में सामने आया कि आरोपियों ने राजकुमार शर्मा, उनकी मां जयतिन शर्मा और पत्नी नीता शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान लगाकर लगभग ₹42.78 लाख रुपए की निकासी कर ली थी।

जांजगीर-चांपा के एडिशनल एसपी उमेश कश्यप के अनुसार, “शिकायत की प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद विधायक बालेश्वर साहू और उनके साथी विक्रेता गौतम राठौर के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया।”

राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर बढ़ी हलचल

Bilaspur News: एफआईआर दर्ज होने के बाद से यह मामला राजनीतिक रूप से भी गर्मा गया है। विपक्ष लगातार कांग्रेस विधायक पर कार्रवाई की मांग कर रहा है। वहीं, कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि विधायक कानून का सम्मान करते हैं और जांच में सहयोग कर रहे हैं। विधायक के खिलाफ दर्ज अपराध में धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (फर्जी दस्तावेज बनाना) और अन्य प्रावधानों के तहत केस दर्ज है।

अब आगे क्या?

कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस अब मामले की फाइनल रिपोर्ट और चालान पेश करने की तैयारी में जुटी है। वहीं, विधायक से आने वाले दिनों में पूछताछ भी की जा सकती है।

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बालेश्वर साहू पर क्या आरोप है?

विधायक पर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन में फर्जीवाड़ा कर ₹42 लाख से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है।

एफआईआर कब दर्ज हुई थी?

यह एफआईआर फरसवानी निवासी राजकुमार शर्मा की शिकायत पर दर्ज की गई थी।

कोर्ट ने विधायक को क्या निर्देश दिए?

हाई कोर्ट ने विधायक को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया और एफआईआर निरस्तीकरण याचिका खारिज कर दी।