नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन यानी यूनेस्को ने गुजराती संस्कृति से जुड़े नृत्यकला गरबा को लेकर बड़ा ऐलान किया है। दरअसल यूनेस्को ने गरबा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यूनेस्को से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने बताया है कि अगले साल के चक्र के लिए नवीनतम नामांकन पर विचार किया जाएगा। यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत श्रेणी के सचिव टिम कर्टिस ने पिछले दिसंबर में कोलकाता के दुर्गा पूजा उत्सव को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित करने के उपलक्ष्य में दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित एक कार्यक्रम में गरबा को नामित किए जाने से जुड़ा विवरण साझा किया था।
वही इस ऐलान के बाद गुजरात के लोगों में भरी उत्साह है। गुजरात सरकार के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि गरबा वैश्विक हो गया है। आज गुजरात का गरबा देश और दुनिया भर में पहुंच गया है। यह हर नागरिक के लिए गर्व का दिन है। गुजरातियों की पहचान गरबा है और आज गरबा को वैश्विक पहचान मिल गई है।
#WATCH अहमदाबाद, गुजरात: UNESCO द्वारा गुजरात के गरबा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित करने पर गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा, “गरबा वैश्विक हो गया है। आज गुजरात का गरबा देश और दुनिया भर में पहुंच गया है…यह हर नागरिक के लिए गर्व का दिन है। गुजरातियों की पहचान गरबा है… pic.twitter.com/P171Jafiwt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2023
गौरतलब है कि गरबा गुजरात का सांस्कृतिक नृत्यकला है लेकिन पिछले कुछ वर्षो में यह उत्तर भारत समेत दक्षिण राज्यों में भी काफी लोकप्रियता हासिल कर रहा है। बात करें हिंदी पट्टी वाले राज्य छत्तीसगढ़, एमपी की तो यहाँ नवरात्री के दौरान बड़े पैमान पर गरबा का आयोजन होता है जिसमें हजारों की संख्या में युवा समेत हर वर्ग के लोग हिस्सा लेते है। इतना ही नहीं बल्कि विदेशो में भी गरबा की धूम नजर आती है। अमरीका, कनाडा, इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया में भी नवरात्रि के दौरान प्रवासी हिन्दू और भारतवंशियों द्वारा वहां गरबा का आयोजन किया जाता रहा है।