भागवत ने “एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान भूमि’ के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया

भागवत ने “एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान भूमि' के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया

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  • Publish Date - April 20, 2025 / 03:22 PM IST,
    Updated On - April 20, 2025 / 03:22 PM IST

अलीगढ़ (उप्र), 20 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने ‘‘एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान भूमि’’ के आदर्शों को अपनाकर सामाजिक सद्भाव के लिए प्रयास करने का आह्वान किया है।

संघ प्रमुख अलीगढ़ के पांच दिवसीय दौरे पर हैं।

भागवत ने एच.बी. इंटर कॉलेज और सासनी गेट इलाके में पंचन नगरी पार्क में आयोजित दो शाखाओं में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए हिंदू समाज के सदस्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आह्वान किया है, जिसे केवल ‘समरसता’ के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए सामाजिक सद्भाव पर जोर दिया।

आरएसएस सूत्रों के अनुसार भागवत ने हिंदू समाज की आधारशिला के रूप में ‘संस्कार’ के महत्व को रेखांकित किया और सदस्यों से परंपरा, सांस्कृतिक मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों पर आधारित समाज बनाने का आग्रह किया।

उन्होंने आरएसएस सदस्यों से समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने और उन्हें अपने घरों में आमंत्रित करने की वकालत की ताकि जमीनी स्तर पर सद्भाव और एकता का संदेश फैलाया जा सके।

भागवत ने कहा कि ‘परिवार’ समाज की मूलभूत इकाई है, जो ‘संस्कार’ से प्राप्त मजबूत पारिवारिक मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने राष्ट्रवाद और सामाजिक एकता की नींव को मजबूत करने के लिए त्योहारों के सामूहिक उत्सव को प्रोत्साहित किया।

सत्रह अप्रैल से शुरू हुए अपने पांच दिवसीय दौरे के दौरान आरएसएस प्रमुख बृज क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों के आरएसएस प्रचारकों से प्रतिदिन मिल रहे हैं और उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं।

भाषा सं आनन्द प्रशांत देवेंद्र

देवेंद्र