प्रयागराजः ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिंदुओं को मिले पूजा के अधिकार के खिलाफ मस्जिद कमेटी द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कमेटी ने वाराणसी की अदालत में दायर 5 हिंदू महिला उपासकों के फैसले पर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
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दरअसल, श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग को लेकर राखी सिंह समेत 9 अन्य ने वाराणसी की अदालत में सिविल वाद दाखिल किया था। बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 23 दिसंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस में अपनी आपत्ति खारिज होने के खिलाफ मस्जिद की इंतजामियां कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। अर्जी में वाराणसी के जिला जज की अदालत से 12 सितंबर को आए फैसले को थी चुनौती दी गई थी। अदालत में वाद दाखिल करने वाली 5 महिलाओं समेत 10 लोगों को पक्षकार बनाया गया था।
वाराणसी के जिला जज की कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल की गई आपत्ति को पहले ही खारिज कर दिया था। मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि 1991 के प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट और 1995 के सेंट्रल वक्फ एक्ट तहत सिविल वाद पोषणीय नहीं है। जिला जज के इसी फैसले को मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि अभी महिलाओं को चैत्र और वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन श्रृंगार गौरी की पूजा की इजाजत मिली हुई है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पूजा करने के अधिकार की मांग करते हुए वाराणसी कोर्ट में दायर पांच हिंदू महिला उपासकों के मुकदमे की विचारणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। pic.twitter.com/runAg3sPkg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 31, 2023