लखनऊ, 30 अप्रैल (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार द्वारा जातिवार जनगणना कराये जाने के फैसले को 90 प्रतिशत पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग) और ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत करार दिया है।
इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन के प्रमुख घटक दल सपा के प्रमुख ने केंद्र के जातिवार जनगणना के फैसले का जिक्र करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”जाति जनगणना का फ़ैसला 90 प्रतिशत पीडीए की एकजुटता की 100 प्रतिशत जीत है। हम सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है। सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है।”
उन्होंने कहा, ”भाजपा सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे। एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक़ दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे।”
यादव ने कहा, ”ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नकारात्मक राजनीति का अंतिम। भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा। संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है। ये इंडिया की जीत है!”
सपा अपने चुनावी अभियानों में जातिवार जनगणना को प्रमुख मुद्दा बनाती रही है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में आगामी जनगणना में जातिवार जनगणना को ‘पारदर्शी’ तरीके से शामिल करने का फैसला किया।
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जातिवार जनगणना की है।
मंत्री ने कहा कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना में जातिवार गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल करना मोदी सरकार का संकल्प है।
जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देर हुई है।
भाषा
सलीम, रवि कांत
रवि कांत
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