लखनऊ, 14 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों ने लगातार तीसरे दिन प्रदर्शन किया।
किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के 200 से अधिक मेडिकल छात्र-छात्राओं और जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को विश्वविद्यालय से स्वास्थ्य महानिदेशालय तक जुलूस निकाला। सभी छात्र-छात्राएं हाथों में पोस्टर लिए हुए थे और नारे लगा रहे थे।
जुलूस में शामिल लोगों में महिला छात्राओं की संख्या काफी अधिक थी। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा दिये जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की।
उत्तर प्रदेश ‘रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) के अध्यक्ष डॉ. हरदीप जोगी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कोलकाता में एक डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में प्रदेश में ग्रेटर नोएडा से लेकर वाराणसी और कानपुर, झांसी, आगरा, गोरखपुर जैसे शहरों के अलावा राजधानी लखनऊ में भी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में लगातार तीसरे दिन शांतिपूर्वक प्रदर्शन हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने प्रदर्शन में भाग लिया, उनमें आपातकालीन सेवाएं जारी है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में शुक्रवार की सुबह एक महिला चिकित्सक का शव मिला था और इस घटना के सिलसिले में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।
डॉ. हरदीप जोगी ने कहा कि इस घटना से परिसर की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही का पता चलता है।
उन्होंने कहा, “आरडीए उत्तर प्रदेश इस युवती की मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है। यह घटना हमारे संस्थानों की सुरक्षा करने में प्रशासन और शासन की गंभीर चूक को दर्शाती है।”
आरडीए ने चिकित्सा समुदाय के सामने आने वाले ज्वलंत मुद्दों, डॉक्टरों के खिलाफ “बढ़ती हिंसा” और “बिगड़ती कार्य स्थितियों” पर चर्चा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री के साथ तत्काल एक बैठक की भी मांग की।
उन्होंने कहा, “भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”
डॉक्टरों के संघ ने चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई उपाय सुझाये हैं, जिनमें पर्याप्त संख्या में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है।
‘आरडीए’ ने कहा, “इसके अलावा, हमने पश्चिम बंगाल सरकार से मामले को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का अनुरोध किया है ताकि घटना की व्यापक और निष्पक्ष जांच की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाये।’
भाषा जफर मनीषा देवेंद्र
देवेंद्र