लखनऊ, पांच दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने एक संगठित गिरोह के कथित सरगना समेत आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिन पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके कई बैंकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक के आवास ऋण लेने का आरोप है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एसटीएफ के अनुसार, ये गिरफ्तारियां चार दिसंबर को गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर क्षेत्र में एचडीएफसी बैंक के एक अधिकारी की शिकायत पर शुरू हुई जांच के बाद की गईं।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि आरोपियों की पहचान गाजियाबाद निवासी रामकुमार व अनुज यादव, दिल्ली निवासी नितिन जैन अशोक उर्फ दीपक जैन उर्फ रिंकी, झारखंड निवासी मोहम्मद वसी, बिहार निवासी शमशाद आलम, हरियाणा के गुरुग्राम निवासी इंद्र कुमार कर्माकर, उत्तर प्रदेश के संभल निवासी ताहिर हुसैन के रूप में हुई है।
एसटीएफ ने गिरोह से 126 चेकबुक और पासबुक, 170 एटीएम कार्ड, 45 आधार कार्ड, 27 पैन कार्ड, वोटर आईडी, 26 मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, तीन गाड़ियां, और बड़ी संख्या में जाली रजिस्ट्री, समझौता पत्र व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
बयान में कहा कि गिरोह से जुड़े लगभग 220 बैंक खातों में लेन-देन रोक दिया गया है।
एसटीएफ के अनुसार, जांच में सामने आया कि गिरोह का सरगना रामकुमार एचडीएफसी और एक्सिस बैंक में काम कर चुका है और वह जाली आधार कार्ड, फर्जी कंपनियां और जाली वित्तीय लेने-देन का रिकॉर्ड तैयार करके विभिन्न बैंकों से आवास और व्यक्तिगत ऋण हासिल करने के लिए पूरे गिरोह को संचालित करता था।
इसने बताया कि वह बिल्डरों के साथ मिलकर काम करता था, और यह गिरोह खाड़ी देशों में काम करने वाले लोगों को भी निशाना बनाता था, उन्हें ऋण आवेदन के लिए उनकी पहचान इस्तेमाल करने के वास्ते रुपये देता था।
जांचकर्ताओं ने बताया कि गिरोह धन निकालने और अपनी पहचान छिपाने के लिए 20 से अधिक मुखौटा कंपनियां संचालित करता था।
इसने बताया कि सूरजपुर थाने में भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
भाषा आनन्द खारी
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