त्रिलोक चन्द, बुलंदशहर: Girls Obscene dance video यूपी-बिहार के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बार बालाओं के अश्लील डांस का रिवाज आज भी चला रहा है। यहां शादी, ब्याह या किसी भी बड़े आयोजन पर नचनियों को बुलाया जाता है और उनका डांस कराया जाता है। बार बालाओं का ऐसे ही डांस का आयोजन बाबूजी कल्याण सिंह के नाम पर लगाई गई प्रदर्शनी में किया गया था। बार बालाओं की डांस का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
Girls Obscene dance video मिली जानकारी के अनुसार खानपुर नगर के एस.एल इंटर कॉलेज के पास महापुरूष बाबू जी कल्याण सिंह के नाम से बाल मेले का आयोजन चल रहा है। इसका उद्घाटन 5 दिन पूर्व क्षेत्रीय विधायक देवेंद्र लोधी ने किया था। बाल मेले में जादू शो के नाम पर खुले पर्दे में अश्लीलता परोसी जा रही है। वहां मौजूद दर्शक महिला पुरूष और बच्चे इस फूहड़पन से नजर फेर आगे बढ़ जाते है।
मेले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमे कुछ लेडी डांसर फिल्मी गानों पर अश्लील नृत्य के ठुमके लगा रही हैं और मौजूद दर्शक ठहाके लगा रहे है। बताया गया है कि मेले को प्रशासन द्वारा डांस पार्टी की अनुमति नहीं दी गई, तो आयोजकों ने बड़ी कमाई का छोटा प्लान चला दिया। लोगों की मानें तो रात्रि 10 बजे के बाद तक भी म्यूजिक का कानफोड़ू शोर बजता ही रहा।
कल्याण सिंह एक भारतीय जनता पार्टी के नेता थे, जो बाद में उत्तर प्रदेश के 2 बार मुख्यमंत्री और राजस्थान, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। इन्ही के शासनकाल में विवादित ढांचा बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया। इन्होंने पार्टी को छोड़ा लेकिन वापिस विचारधारा के मेल ना खाने से भाजपा में आ गए। कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को अलीगढ़ उत्तर प्रदेश में हुआ। इनके माता पिता का नाम पिताजी तेजपाल लोधी राजपूत और माता जी श्रीमती सीता देवी था। कल्याण सिंह स्कूल से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य बन गए थे।
कल्याण सिंह के पूरे जीवन संघर्ष में राममंदिर आंदोलन की बड़ी भूमिका रही। उनके मुख्यमंत्रित्व काल में बाबरी ढांचा विध्वंस हुआ। उन्हें अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी। हिन्दुत्ववादी नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले कल्याण सिंह अक्सर कहते थे कि चाहे कुछ भी हो जाए उन्होंने कारसेवकों पर गोली नहीं चलने दी। बाबरी ढांचा विध्वंस के बाद पूरी दुनिया में कल्याण सिंह को एक कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता के रूप में पहचाना जाने लगा था। यह संयोग ही था कि उनके मुख्यमंत्री रहते बाबरी ढांचा विध्वंस हुआ और जब राममंदिर निर्माण मार्ग प्रशस्त हुआ तो वह दो-दो राज्यों के राज्यपाल बन चुके थे।
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