हिंदू महासभा ने भरी हुंकार, इस तारीख को शाही ईदगाह में करेगी हनुमान चालीसा का पाठ |

हिंदू महासभा ने भरी हुंकार, इस तारीख को शाही ईदगाह में करेगी हनुमान चालीसा का पाठ

हिंदू महासभा ने शाही ईदगाह में छह दिसंबर को हनुमान चालीसा पाठ का ऐलान किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : November 27, 2022/12:05 am IST

मथुरा (उप्र) 26 नवम्बर (भाषा) अखिल भारत हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने शनिवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचकर ठाकुर केशव देव के दर्शन किए और मंदिर परिसर में मौजूद शाही ईदगाह में छह दिसंबर को हनुमान चालीसा पाठ किए जाने की घोषणा की।

मंदिर परिसर से बाहर मुख्य द्वार पर पत्रकारों से बातचीत में चौधरी ने छह दिसम्बर को मंदिर परिसर में मौजूद शाही ईदगाह (उनके शब्दों में भगवान कृष्ण का वास्तविक जन्म स्थान) में हनुमान चालीसा पाठ किए जाने का संकल्प लिया।

उन्होंने कहा, ”हम अपने एलान पर अडिग हैं और हमने हिन्दू महासभा के तले अपनी सनातन सभ्यता का पुनरुद्धार करने का संकल्प लिया है। इसके बिना यह आजादी अधूरी है। हम तय समय पर हनुमान चालीसा पाठ कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि के वातावरण को पवित्र करेंगे और ऐसा कर हम हिन्दू समाज को भगवान कृष्ण का जन्म स्थल शुद्ध रूप में सौंपना चाहते हैं।”

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”हम पिछले वर्ष भी ऐसा करना चाहते थे मगर जिला प्रशासन ने अनुमति न देकर अड़ंगे लगाने का काम किया। इसीलिए हमने लड्डू गोपाल का जलाभिषेक स्थल मथुरा से बदलकर दिल्ली कर दिया और हमने यह काम तब दिल्ली के जंतर-मंतर पर किया।”

उन्होंने कहा, ”अब महासभा के माध्यम से हिन्दुओं में उम्मीद जगी है कि कम से कम हमारे ठाकुर जी को उसका जन्मस्थान तो मिले। सच तो यह है कि यह पूरा परिसर अंग्रेजों के जमाने में हमारे पूर्वजों, यानि हिन्दुओं ने नीलामी में खरीदा था। यहां दूसरे पक्ष का कुछ भी नहीं है। हम लोगों की आशाओं पर खरे उतरने के लिए हनुमान चालीसा पाठ कर रहे हैं।”

चौधरी मंदिर परिसर में तकरीबन डेढ़ घण्टे रहीं। उन्होंने ईदगाह के निकट जाकर छानबीन की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें ज्यादा निकट जाने से रोक दिया।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछली बार प्रशासन ने उन्हें रोक दिया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा।

इस सिलसिले में जिलाधिकारी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से उनका पक्ष जानने के लिए उनके सरकारी नंबरों पर प्रयास किया गया, पर उनसे सम्पर्क न हो सका।

भाषा सं आनन्द नोमान रंजन

रंजन