विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने का निर्देश, हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

हाईकोर्ट ने कहा कि अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़कर 65 वर्ष करने के केंद्र सरकार के 31 दिसंबर 2008 का आदेश राज्य सरकार पर बाध्यकारी है, विश्वविद्यालयों के स्टैच्यूट में बदलाव न करना संविधान के अनुच्छेद 14 व अनुच्छेद 19(1) जी का उल्लंघन है।

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  • Publish Date - April 29, 2022 / 12:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

school fees will be refunded

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने राज्य सरकार को सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय मेरठ के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार स्टैच्यूट में तीन माह में संशोधन कर अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करे और जब तक सरकार निर्णय नहीं ले लेती, तब तक याचिकाकर्ता को कार्य करने दिया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने डॉ देवेंद्र कुमार मिश्र की याचिका को सुनकर दिया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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हाईकोर्ट ने कहा कि अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़कर 65 वर्ष करने के केंद्र सरकार के 31 दिसंबर 2008 का आदेश राज्य सरकार पर बाध्यकारी है, विश्वविद्यालयों के स्टैच्यूट में बदलाव न करना संविधान के अनुच्छेद 14 व अनुच्छेद 19(1) जी का उल्लंघन है। साथ ही विभेदकारी व मनमानापूर्ण भी है, केंद्र सरकार से वेतनमान निर्धारण के मद में राज्य सरकार ने 80 फीसदी अनुदान ले लिया लेकिन प्रदेश के विश्वविद्यालयों के स्टैच्यूट में बदलाव नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी 30 अक्तूबर 2010 को सर्कुलर जारी किया है, जिसपर अमल नहीं किया गया है।

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30 अप्रैल 2022 को सेवानिवृत्त होगा याची

याचिकाकर्ता को निदेशक प्रशासन एवं मॉनिटरिंग सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय मोदीपुरम मेरठ ने छह दिसंबर 2021 को सूचित किया कि वह 62 वर्ष की आयु में 30 अप्रैल 2022 को सेवानिवृत्त हो जाएगा। याची ने आयुसीमा बढ़ाने के लिए सरकार को स्टैच्यूट में बदलाव लाने के लिए प्रत्यावेदन दिया, याची का कहना था कि उत्तराखंड सरकार ने बदलाव कर विश्वविद्यालय अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष कर दी है इसलिए उत्तर प्रदेश में भी ऐसा किया जाए। सरकार की ओर से कहा गया कि याची को सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की मांग करने का अधिकार नहीं है।