लखनऊ, आठ दिसंबर (भाषा) लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने सोमवार को कहा कि नगर निगम पिछले एक वर्ष से अधिक समय से संदिग्ध रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ दस्तावेज सत्यापन अभियान चला रहा है।
खर्कवाल ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा कि इस अभियान के स्पष्ट परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई बार पूरा का पूरा इलाक तेजी से खाली कराया गया।
महापौर ने कहा, ‘‘एक बार, सिर्फ एक घंटे में एक इलाके से लगभग 50 लोगों को हटाया गया। मैं वहीं बैठी रही और अधिकारियों से कहा कि जब तक ये अवैध कब्जा करने वाले हट नहीं जाते, मैं वहां से नहीं उठूंगी।’’
उन्होंने बताया कि यह सत्यापन अभियान का विस्तार नगर निगम तक किया गया है।
खर्कवाल ने कहा, ‘‘पिछले एक-दो हफ़्तों में लगभग 160 लोगों ने (नगर निगम की) नौकरी छोड़ दी है। अगर हमारा अपना घर साफ है, तभी हम बाहर देख सकते हैं। नगर निकाय के अंदर सफाई भी उतनी ही जरूरी है।’’
महापौर ने कहा कि उन्होंने सभी जोनों को संदिग्ध व्यक्तियों की सूची तैयार करने और आवश्यक होने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
लंबे समय के परिणामों को लेकर उन्होंने चेताया, ‘‘अगर हम अभी चीजें ठीक नहीं करेंगे तो 20 साल बाद हालात बहुत गंभीर हो सकते हैं।’’
उन्होंने नागरिकों से भी सहयोग की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार या नगर निगम अकेले सफल नहीं हो सकते। इस अभियान को सफल बनाने के लिए मीडिया, सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा।’’
निरुद्ध केंद्र स्थापित करने की उत्तर प्रदेश सरकार की योजना पर उन्होंने कहा कि यह जिला प्रशासन का विषय है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस वक्त जिला प्रशासन हमसे जिमीन मांगेगा, मैं तुरंत उपलब्ध करा दूंगी। मेरा काम झुग्गियों और बस्तियों में सत्यापन सुनिश्चित करना है, जो पहले से ही जारी है।’’
इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की कि नागरिकों से सतर्क रहें और घुसपैठियों की पहचान में सहयोग करें। मुख्यमंत्री की अपील का जिक्र करते हुए महापौर ने कहा, ‘‘राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है। जब नेता जनता के साथ होता है, तो लोग भी आगे आते हैं। अगर किसी को अपने आसपास, खासकर झुग्गियों में घुसपैठिए दिखते हैं, तो वे हमें बताएं। मैं खुद वहां जाऊंगी।’’
भाषा किशोर जफर सिम्मी खारी
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