Contract Employees Latest News: 45 प्रतिशत संविदा कर्मचारियों की छटनी, 15 अगस्त से पहले हजारों कर्मचारी हो गए बेरोजगार
Contract Employees Latest News: 45 प्रतिशत संविदा कर्मचारियों की छटनी, 15 अगस्त से पहले हजारों कर्मचारी हो गए बेरोजगार
Contract Employees Latest News: 45 प्रतिशत संविदा कर्मचारियों की छटनी, 15 अगस्त से पहले हजारों कर्मचारी हो गए बेरोजगार / Image source: File
- 45% संविदा कर्मचारियों की छंटनी
- बचे हुए कर्मचारियों पर बढ़ा काम का बोझ
- संविदा कर्मचारी 25 अगस्त को ऊर्जा मंत्री से करेंगे मुलाकात
लखनऊ: Contract Employees Latest News देश भर के कई विभाग और मंत्रालय आज संविदा कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है। सरकारी काम काज को बोझ ढोकर चल रहे संविदा कर्मचारियों को उन सुविधाओं का लाभ नहीं मिलता जो एक नियमित कर्मचाारी को मिलता है, जबकि काम बराबर ही लिया जाता है। ऐसे में देशभर के संविदा कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। हालांकि कुछ राज्यों ने इस संबंध में अहम फैसला लिया है। लेकिन इस बीच खबर सामने आ रही है कि उत्तर प्रदेश के विद्युत विभाग में कार्यरत 45 फीसदी संविदा कर्मियों की छंटनी करके उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है।
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Contract Employees Latest News मिली जानकारी के अनुसार यूपी पॉवर कॉरपोरेशन निविदा/ संविदा कर्मचारी संघ का आरोप है कि विद्युत कार्यालयों में कार्यरत 45 संविदा कर्मचारियों की छटनी कर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। प्रशासन के इस फैसले से न सिर्फ संविदा कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं, बल्कि ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है। संविदा कर्मचारी संघ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि संविदा कर्मचारी 25 अगस्त को लखनऊ में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को आपबीती सुनाएंगे।
संघ के प्रांतीय महासचिव ने बताया कि कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा वर्ष 2017 के अपने स्वयं के आदेश का उल्लंघन करके उपकेंद्रों के परिचालन व अनुरक्षण कार्य में लगे 45 फीसदी आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी कर दिया गया। इससे उपकेंद्रों पर बचे कर्मियों पर काम का बोझ आ पड़ा। इसी कारण समय से बंद बिजली को चालू होने में देर हुई , जिसने शासन-सत्ता की भी किरकिरी कराई।
गौरतलब है कि 23 मई 2025 को संगठन की हुई वार्ता में पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा कहा गया था कि विद्युत उपकेंद्रों के परिचालन व अनुरक्षण कार्य के लिए कर्मचारियों को तैनात करने का मानक निर्धारित करने के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा निर्धारित किए गए मानक के अनुरूप कर्मचारियों कि तैनाती की जाएगी। मगर ढाई माह बीतने के बावजूद भी प्रबंधन द्वारा न तो मानक समिति द्वारा निर्धारित किए गए मानक से अवगत कराया गया और न ही छंटनी के नाम पर हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर वापस लिया गया।

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